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शहीद राजीव सिंह को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई...पिता बोले- बेटा बहादुर था, बहन ने कहा- लेकिन अब लौटकर नहीं आएगा

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Published : Feb 10, 2020, 7:44 PM IST

जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में 8 फरवरी को हुई गोलीबारी में शहीद हुए नायक राजीव सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव लुहाकना खुर्द में किया गया. इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ ने वीर शहीद को नम आखों से अंतिम विदाई दी. फायरिंग के दौरान दो जवानों को बचाने में राजीव शहीद हो गए.

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शहीद को अंतिम श्रद्धांजली

कोटपूतली (जयपुर).जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शहीद हुए नायक राजीव सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक गांव लुहाकना खुर्द में किया गया. शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित विधायक और राज्य सरकार के कई मंत्री भी पहुंचे. साथ ही अंतिम यात्रा में भारत माता के जयकारे लगाते हुए हजारों लोग शामिल हुए.

शहीद को अंतिम विदाई

बता दें कि शहीद राजीव सिंह 5 राजपूत रेजीमेंट में तैनात थे, जो 8 फरवरी की रात पाकिस्तान की तरफ से की गई भारी गोलीबारी में शहीद हो गए. सोमवार सुबह प्रागपुरा थाने से एक रैली के रूप में उनकी अंतिम यात्रा शुरू की गई. लगभग 20 किलोमीटर तक लोग पैदल चलकर लोग राजीव सिंह को अंतिम विदाई देने पहुंचे.

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दो जवानों को बचाते हुए शहीद

शहीद राजीव के साथी ने बताया कि रजीव की जान दो सैनिकों को बचाते हुए गई. फायरिंग के दौरान दोनों जवान जख्मी हो गए थे, जिन्हें बचा कर लाने में राजीव को गोली लग लई. इस जांबाज ने दो सैनिकों को तो बचा लिया. लेकिन इस दौरान इसे गोली लग गई. जिसमें वह शहीद हो गए.

10 साल का बेटा भी जाना चाहता है फौज में

शहीद राजीव सिंह का एक 10 साल का बेटा है, जिसने अपने पिता की शहादत पर गर्व करते हुए कहा कि वह भी बड़ा होकर सेना में जाना चाहता है. शहीद के पिता भी सेना में नायब सूबेदार थे. इस गांव के हर घर से कोई ना कोई फौज में है. शहीद के पार्थिव देह जैसे ही उनके घर पहुंचा, वैसे ही पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद के पूरे परिवार, उनके साथियों और क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई.

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शहीद राजीव के पिता ने बताया कि बेटे के ऊपर उन्हे गर्व है. लेकिन वह उपने बेटे की शहादत का बदला चाहते हैं. उनकी बहन ने कहा कि मेरा भाई बहादूर था, लेकिन अब लौटकर तो नहीं आएगा. इस मौके पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राज्य सरकार की तरफ से शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये के अलावा बेटे की पढ़ाई और परिवार के सदस्य को नौकरी का एलान भी किया. साथ ही सांसद राठौड़ ने भी परिवार को हर संभव सहायता देने की बात कही.

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