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फुटपाथ पर नगीनों का बाजार...हर दिन होता है लाखों का कारोबार

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Published : Nov 18, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 10:41 PM IST

जयपुर में सड़क किनारे नगीना मंडी वो भी फुटपाथ मार्केट (gem stone market on Jaipur Footpath) के रूप में. सोचने और सुनने में यह बात हैरान करती है, लेकिन जयपुर शहर के लिए यह रोज की बात है. हर शाम करीब 4 बजे सड़क किनारे लगने वाली इस नगीना मंडी में बिना किसी शोरूम के हर दिन लाखों रुपए का कारोबार हो जाता है.

जयपुर की सड़कों पर नगीनों का बाजार
जयपुर की सड़कों पर नगीनों का बाजार

जयपुर. शहर में सड़क किनारे पर लगने वाली नगीना मंडी (gem stone market on Jaipur Footpath) शहर के जेम्स और ज्वेलरी कारोबार के लिए बड़ा जरिया है. हर शाम करीब 4 बजे सड़क किनारे ठीक वैसे ही सौदागर आते हैं, जैसे किसी सड़क के फुटपाथ पर थड़ी और ठेले के साथ सब्जी बेची जाती है. यकीन करना मुश्किल है, पर हकीकत यह है कि सालों से चली आ रही इस नगीना मंडी में बिना किसी शोरूम के लोग रोजाना लाखों रुपए का कारोबार (gem stone business in Jaipur) कर जाते हैं और सैकड़ों लोगों के लिए यह नगीना मंडी रोजी-रोटी का जरिया बनी हुई है.

कच्चा माल हो या कीमती पत्थर, सबके सौदागर मिलते हैं यहांः जयपुर शहर की चारदीवारी इलाके को जेवरात के काम गढ़ माना जाता है. इसी इलाके में जौहरी बाजार है तो आसपास के इलाके में गद्दियों पर नगीने बेचने से लेकर नगीनों को तैयार करने का काम भी बड़े पैमाने पर (jaipur gem stone market) होता है. इन सबके बीच जौहरी बाजार से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर नवाब के चौराहे पर लगने वाली नगीना मंडी को भला कौन नहीं जानता. खास बात यह है कि मंडी में सड़क किनारे पर ही खरीदार और सौदागर के बीच व्यापार होता है. महज चार से पांच घंटे के बीच सैकड़ों लोग लाखों रुपए का लेन-देन यहां पर निपटा देते हैं.

फुटपाथ पर नगीनों का बाजार

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मंडी में डायमंड कट का पन्ना बेचने के लिए आए व्यापारी मोहम्मद अख्तर कहते हैं कि महंगे से महंगा और सस्ते से सस्ता माल यहां पर बिक जाता है. वे खुद जामिबिया के एमरल्ड का सौदा करने के लिए यहां पहुंचे थे. जिसका इस्तेमाल गुणवत्ता के लिहाज से जेवरात की जड़ाई में किया जाता है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग जेवरात के कारोबार में पन्ने का ही इस्तेमाल करते हैं, क्योकि इसमें क्लियरीटी ज्यादा होती है और सोने में पन्ने का हरा रंग चार चांद लगा देता है. जिससे रोशनी में इसकी चमक देखते ही बनती है. स्थानीय निवासी अख्तर अली बताते हैं कि वे चालीस साल से भी ज्यादा वक्त से इस मंडी को देख रहे हैं. रोजाना हर शाम मंडी में नगीनों का कारोबार उनके लिए नया नहीं है.

नगीनों का बाजार

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दिनभर की मेहनत के बाद शाम को बिकते हैं नगीनेः नगीना बाजार में रोजी-रोटी के लिए आने वालों में ज्यादातर कारीगर स्तर के लोग होते हैं, जो अपनी छोटी-छोटी बचत से कच्चे माल को इसी मंडी से खरीदते हैं. अगले दिन पूरी मेहनत के साथ कच्चे माल की फिनिशिंग के बाद उसे चमकदार नगीने में तब्दील करने के बाद इसी मंडी में बेच देते हैं. इनसे माल खरीदने वालों में ज्यादातक बिचौलिये होते हैं, जो अपने तजुर्बे के आधार पर कुछ पैमाने में इन चमकीले पत्थरों की परख करते हैं और बड़े कारोबारियों तक माल पहुंचाते हैं. सौदे के दौरान यह देखा जाता है कि पत्थर का आकार कैसा है , उसके रंग में कितनी ज्यादा सफाई या क्लियरिटी है.

नगीने की खरीदारी

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ज्यामितीय संरचना या कहें कि स्टोन की क्रिस्टल क्वालिटी कैसी है और इन सब पैमानों को ध्यान में रखने के बाद कारोबारी नजदीक की दुकानों में नग का वजन करवाते हैं और कैरेट के हिसाब से रेट तय करके सौदा करते हैं. जमील अहमद बताते हैं कि ज्यादातर कारीगर और मजदूर दिनभर कच्चे माल को तैयार करने के बाद शाम को मंडी में पहुंचते हैं और उसी से उनकी गुजर बसर होती है. अजहर ने हाल ही में काम शुरु किया है, एक महीने से वह मंडी में माल बेचने के लिए आते हैं. मोहम्मद फैजल नगीनों की तुलाई से ही गुजर-बसर कर रहे हैं, वह रोजाना 150 के करीब ग्राहकों के माल को तोलते हैं. जिससे उन्हें करीब साढ़े चार सौ रूपए की मजदूरी हो जाती है.

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दुनियाभर की खानों का माल मिलता है इस बाजार मेंःजयपुर के नगीना कारोबारी सलीम अहमद खुद की गद्दी चलाते हैं. नगीना मंडी पर भी नजर रखते हैं, वे बताते हैं कि छुटपन से ही उन्हें हर शाम सजने वाले चमकीलें पत्थरों के कारोबार की यादें ताजा है. कई पीढ़ियों से उनका परिवार इस काम में लगा हुआ है, सलीम के मुताबिक दुनियाभर में शायद ही कोई ऐसा प्रीशियस स्टोन होगा , जिसका सौदा आज तक जयपुर की सड़कों पर लगने वाली इस नगीना मंडी में नहीं हुआ हो. कच्चे माल को लेने के बाद कारीगर उसकी क्वालिटी के आधार पर उसे तराशते हैं फिर यह माल बड़े-बड़े शोरूम्स के जरिए विदेशों तक जाता है. सैकड़ों लोगों की रोजीरोटी का जरिया इस नगीना मंडी पर निर्भर है.

Last Updated :Nov 18, 2022, 10:41 PM IST

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