राजस्थान

rajasthan

पेयजल प्रोजेक्ट में देरी करने वाली फर्मों को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम, दी गई ये चेतवानी

By

Published : Dec 6, 2022, 8:04 PM IST

Review of Drinking Water Projects
Review of Drinking Water Projects ()

अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने मंगलवार को जल भवन में पेयजल परियोजनाओं व जल जीवन मिशन की प्रगति (Review of Drinking Water Projects) की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कई वृहद परियोजनाओं की कम प्रगति पर संबंधित फर्मों पर पैनल्टी लगाने के निर्देश भी दिए.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने परियोजनाओं में लगातार हो रही देरी को देखते हुए विभिन्न कॉन्ट्रेक्टर फर्मों को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम (Ultimatum given to many firms) दिया है. साथ ही उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं में अपेक्षित गति लाने की समय सीमा तय कर मुख्य अभियंताओं व अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को कार्य में लापरवाही बरत रही फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि 31 दिसंबर के बाद भी कार्य की प्रगति सकारात्मक नहीं दिखाई दी तो फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही प्रोजेक्ट वापस लेकर रि-टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

डॉ. अग्रवाल मंगलवार को जल भवन में पेयजल परियोजनाओं व जल जीवन मिशन की (Action taken on underperformingfirms) प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कई वृहद परियोजनाओं की कम प्रगति पर संबंधित फर्मों पर पैनल्टी लगाने के निर्देश दिए. साथ उन्होंने कहा कि फील्ड अभियंता परियोजनाओं में हो रही देरी की रिपोर्ट पेश करें. बैठक में कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.

इसे भी पढे़ं - राजस्थान यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के पास बिना विलंब शुल्क एग्जाम फॉर्म भरने का आखिरी मौका

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सबसे कम प्रगति वाली परियोजनाओं पर कार्यरत फर्मों को बैठक में निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक कार्य में गति लाने का आखिरी मौका दिया जा रहा है. ऐसे में फर्म अपनी परफोर्मेंस में अपेक्षित सुधार लाएं नहीं तो उनसे प्रोजेक्ट वापस लेने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी.

मुख्य रूप से चित्तौड़गढ़ जिले के भैंसरोडगढ़ के 38 गांवों को पानी पहुंचाने की 60.67 करोड़ लागत की परियोजना तथा 58.99 करोड़ रुपए लागत की नावां जलापूर्ति परियोजना पर कार्यरत मैसर्स देवेन्द्र कंस्ट्रक्शन कंपनी, नोखा बीकानेर में 158 गांवों की जलापूर्ति की 591 करोड़ लागत की परियोजना पर कार्यरत मैसर्स हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन और ओम इंफ्रा (जॉइंट वेंचर), धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र के 94 गांवों को पानी पहुंचाने की सरमथुरा परियोजना पर काम कर रही मैसर्स गुलाबचंद केवलचंद समदडिया (जीसीकेसी), कोटा जिले में 73.62 करोड़ लागत की बोरावास मंडाना जलापूर्ति परियोजना पर कार्यरत मैसर्स जुबेरी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. को चेतावनी दी गई है.

इसके अलावा झुंझुनूं के खेतड़ी में 186.30 करोड़ लागत की आईटीजेएसके परियोजना पर कार्यरत फर्म जीए इंफ्रा, 115.70 करोड़ लागत की बूंदी-राजगढ़ जलापूर्ति परियोजना, चूरू में काम कर रही फर्म मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया, सीकर में 138.80 करोड़ रुपए लागत की रतनगढ़-सुजानगढ़ जलापूर्ति परियोजना पर काम कर रही रीन वाटर टेक और पीसी स्नेहल कंस्ट्रक्शन कंपनी (जॉइंट वेंचर) को पेयजल परियोजना के कार्यों में गति लाने के निर्देश देकर 31 दिसंबर तक प्रगति में सुधार नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

बैठक में संबंधित प्रोजेक्ट से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि अत्यधिक देरी करने वाली फर्मों को नोटिस देकर उन पर पैनल्टी लगाने की कार्रवाई की गई है. बैठक में जानकारी दी गई कि धीमी गति से कार्य करने पर फर्म मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया पर 1.46 करोड़, मैसर्स रीन वाटर टेक एवं मैसर्स पी सी स्नेहल कंस्ट्रक्शन कंपनी (जॉइंट वेंचर) पर 1.88 करोड़, मैसर्स हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन एवं ओम इंफ्रा (जॉइंट वेंचर) पर 1.43 करोड़ की पैनल्टी लगाई गई.

इसके अलावा मैसर्स गुलाबचंद केवलचंद समदडिया (जीसीकेसी) पर 1.40 करोड़ रूपए तथा फर्म मैसर्स जीए इंफ्रा पर 35 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई गई है. साथ ही वृहद परियोजनाओं पर काम कर रही सात कॉन्ट्रेक्टर फर्मों को नोटिस जारी कर कार्य की गति बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details