जयपुर. 2023 राजस्थान में चुनावी वर्ष है. ऐसे में सभी कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने में लगे हुए हैं. बीते दिनों शिक्षकों के एक संगठन ने सीएम का सत्कार करते हुए अपनी मांगें उनके समक्ष रखी. वहीं, अब शिक्षक संघ राष्ट्रीय आंदोलन करते हुए सरकार के सामने अपनी मांगों को रखने जा रहा है.
शिक्षक संगठन के अनुसार सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूल तो खोल रही है, लेकिन उसमें नियमित भर्ती करने के बजाए शिक्षकों को संविदा पर लगाया जा रहा है. शिक्षकों की 12 महीने गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाई जा रही है. वेतन विसंगति का निवारण करने जैसी 11 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षक आंदोलन की राह पर उतर रहे हैं.
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ये हैं प्रमुख मांगें :
- वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सावंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर लागू की जाए.
- राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नत कर वेतनमान दिया जाए.
- पुरानी पेंशन योजना की तकनीकी खामियों को दूर करते हुए नई पेंशन स्कीम फंड की जमा राशि शिक्षकों को दी जाए.
- सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि एक बार एक वर्ष की हो और फिक्सेशन के समय इस अवधि को भी जोड़ा जाए.
- शिक्षकों को एंड्राइड फोन उपलब्ध कराते हुए मासिक इंटरनेट भत्ता दिया जाए.
- राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के बाद 65 वर्ष की आयु पर 5%, 70 की आयु पर 10% और 75 वर्ष की आयु पर 15% पेंशन वृद्धि की जाए.
- शिक्षा विभाग में संविदा के बजाए नियमित भर्ती की जाए.
- थर्ड ग्रेड शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति बनाकर ट्रांसफर किए जाए.
- गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.
- तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार राहत दी जाए.
- माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न लागू कर पदों का सृजन करें.