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Congress MLAs Resignation Case: नहीं थम रहा विधायकों के इस्तीफे का विवाद, सियासी हलकों में चर्चा, आखिर किसका दबाव

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Published : Feb 3, 2023, 10:25 PM IST

विधानसभा सचिव ने हाइकोर्ट में जब से कहा हैं कि 81 विधायकों ने इस्तीफे जो 25 सितंबर को दिए वह स्वैच्छिक नहीं थे. तब से कांग्रेस विधायकों के सामूहिक इस्तीफों पर सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब ये चर्चा हो रही है कि आखिर किसके दवाब में विधायकों ने इस्तीफा दिया था.

Congress MLAs Resignation Case
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का मामला

कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का मामला, सुनिए रंधावा ने क्या कहा

जयपुर. राजस्थान में 25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा मामले की खुले तौर पर तो नहीं, लेकिन दबी जुबान से चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि अगर विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था तो आखिर किसने के दबाब में इन्होंने इस्तीफा दिया. वहीं, अब सियासी गलियारों में ये चर्चा हो रही है कि मंत्री महेश जोशी और मंत्री शांति धारीवाल कांग्रेस के दूसरे गुट के निशाने पर हैं. दरअसल, विधानसभा सचिव की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दिया कि विधायकों के इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं थे.

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6 विधायकों ने 81 विधायकों का सौंपा था सामूहिक इस्तीफा: विधानसभा सचिव ने सोमवार को हाईकोर्ट में लिखित जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि 6 विधायकों ने 81 विधायकों का सामूहिक इस्तीफा सौंपा था. इस्तीफा सौंपने वाले 6 विधायकों में मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी, मंत्री रामलाल जाट, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, विधायक रफीक खान और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा शामिल थे. ऐसे में इन छह विधायकों पर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि उन्होंने बाकी विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को क्यों सौंपे?.

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इन तीन नेताओं को नहीं मिली क्लीन चिट: मंत्री महेश जोशी और मंत्री शांति धारीवाल को विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने के आरोप में कांग्रेस आलाकमान ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. पार्टी ने आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को भी कारण बताओ नोटिस दिए थे, लेकिन करीब 5 महीने बीते जाने के बाद इन तीनों नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कुछ दिन पहले सियासी गलियारों में ये चर्चा थी कि तीनों नेताओं को क्लीन चिट मिल गई है, तो खुद संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि अब तक कोई क्लीन चिट नहीं मिली है. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 28 जनवरी को कहा था कि ये मामला उनके पास नहीं है, अगर इस मामले में एआईसीसी उन्हें फैसला करने की बात कहेगी तो वह 2 दिन में निर्णय कर देंगे.

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