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घूसखोर जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश निलंबित, ACB ने लिया 3 दिन की रिमांड पर, रिश्वत देने वालों पर भी होगा एक्शन

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Published : May 21, 2023, 5:50 PM IST

योजना भवन स्थित DOIT विभाग के बेसमेंट से 2.31 करोड़ रुपए मिलने के मामले में घूसखोर जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव को विभाग ने निलंबित कर दिया है. ACB ने उसे गिरफ्तार कर तीन दिन के (Bribery joint director Ved Prakash suspended) रिमांड पर लिया है.

Bribery joint director Ved Prakash suspended
Bribery joint director Ved Prakash suspended

जयपुर.योजना भवन में DOIT विभाग के बेसमेंट में 2.31 करोड़ और एक किलो सोना मिलने के मामले में अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने घूसखोर जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया है. उसे आज न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है. अब एसीबी इतनी बड़ी मात्रा में मिले सोने और नकदी के स्रोत का पता लगाने में जुटी है कि आखिर इतना सोना और नकदी वेदप्रकाश यादव ने कैसे एकत्रित किया था. एसीबी जॉइंट डायरेक्टर को रिश्वत देने वालों के बारे में भी पूछताछ कर रही है. दूसरी तरफ, उसकी गिरफ्तारी के बाद सरकार ने उसे निलंबित कर दिया है. विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.

एसीबी अधिकारियों के अनुसार, योजना भवन स्थित DOIT विभाग के बेसमेंट से 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोना मिलने के मामले में एसीबी ने विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले उसके खिलाफ एसीबी में आज मुकदमा दर्ज किया गया था. उसे गिरफ्तार कर आज न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश किया गया. जहां से उसे तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है. अब उससे विस्तृत पूछताछ की जा रही है.

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रिश्वत देने वालों पर शिकंजा कसेगी एसीबी - एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी जॉइंट डायरेक्टर ने यह राशि और सोना यहां कैसे और क्यों जमा किया?. इसको लेकर पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही उसे रिश्वत देने वाले लोगों या कंपनियों को लेकर भी पूछताछ की जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन मामलों रिश्वत लेकर इतनी बड़ी नकदी और सोना यहां एकत्रित किया गया. बताया जा रहा है कि रिश्वत देने वाली कंपनी या लोगों पर भी एसीबी की नजर है और ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई होगी.

इस तरह पकड़ में आया घूसखोर जॉइंट डायरेक्टर - शुक्रवार को योजना भवन स्थित DOIT विभाग के बेसमेंट में रखी दो अलमारियों में करोड़ों रुपए नकद और एक किलो सोना मिलने के बाद ब्यूरोक्रेसी से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हड़कंप मच गया था. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा की मौजूदगी में सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर करोड़ों रुपए और सोना मिलने का खुलासा किया था. घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच से सामने आया कि 2.31 लाख की नकदी और एक किलो सोना DOIT विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव का है.

सीसीटीवी फुटेज ने उगले राज - सरकारी कार्यालय के बेसमेंट में अलमारियों से नकदी और सोना मिलने के बाद पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि यह दोनों अलमारियां पिछले कई दिनों से बंद पड़ी थी. बेसमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जब पुलिस ने खंगाले तो एक शख्स इन अलमारियों को खोलता और उनमें बैग रखता और निकालता पाया गया. जिसकी पहचान वेदप्रकाश यादव के रूप में हुई. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सामने आया कि वह रिश्वत की राशि इन अलमारियों में रखता है. सरकारी कार्यालय की अलमारियों को वह अपने लॉकर की तरह इस्तेमाल करता है. सामने आया है कि स्टोर प्रभारी का चार्ज भी उसी के पास था.

अन्य अधिकारियों का हाथ होने की भी चर्चा - DOIT विभाग के संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश यादव की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच यह चर्चा है कि इस मामले में वेदप्रकाश अकेले हैं या कोई अन्य अधिकारी भी इस मामले में लिप्त है. हालांकि, फिलहाल इस मामले को लेकर वेदप्रकाश यादव पर ही शिकंजा कसा गया है. जांच में इस पूरे मामले की परतें खुलने की उम्मीद है.

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