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Jaipur Police Action: बिहार से तस्करी कर लाए 25 नाबालिगों को चूड़ी कारखाने से कराया मुक्त, 3 महिलाओं समेत 7 लोग गिरफ्तार

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Published : Jan 21, 2023, 10:56 PM IST

बिहार से तस्करी कर लाए गए 25 नाबालिगों को पुलिस ने जयपुर (25 minors smuggled from Bihar freed) स्थित एक चूड़ी कारखाने से मुक्त कराया है. पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी तीन महिलाओं समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.

25 minors smuggled from Bihar freed
25 minors smuggled from Bihar freed

जयपुर.राजधानी के शास्त्री नगर थाना पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बिहार से तस्करी कर लाए 25 नाबालिग बच्चों को चूड़ी कारखाने से मुक्त करवाया है. पुलिस ने बच्चों की तस्करी कर काम करवाने वाली 3 महिलाओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि शास्त्री नगर थाना पुलिस को बाल विकास धारा संस्था के फील्ड अधिकारी महेश बंजारा ने सूचना दी थी कि व्यास कॉलोनी शास्त्री नगर स्थित एक मकान में बच्चों की मानव तस्करी कर उनसे चूड़ी कारखाने में बालश्रम कराया जा रहा है. इस पर पुलिस टीम ने मकान में दबिश दी, जहां दो फ्लोर पर चूड़ी कारखाने में बच्चे काम करते पाए गए. पुलिस को देख कर आरोपियों ने पीछे के रास्ते से बच्चों को निकालकर ले जाने का प्रयास किया गया. पुलिस टीम ने घेराबंदी कर मकान में मौजूद सभी लोगों को पकड़ लिया और बिहार से तस्करी कर जयपुर लाए गए 25 बच्चों को मुक्त करवाया.

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बाल श्रम के दलदल से मुक्त करवाए गए बच्चों में ज्यादातर की उम्र 14 साल से कम है और ये आपस में रिश्तेदार हैं. शास्त्री नगर थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सफीना खातुन (45) निवासी समस्तीपुर बिहार, मोहम्मद निजामुद्दीन (38) निवासी समस्तीपुर बिहार, मोहम्मद गुलाब रब्बानी (31) निवासी समस्तीपुर बिहार, मोहम्मद मजीद (45) निवासी समस्तीपुर बिहार, मोहम्मद इम्तियाज (38), सीतारा खातुन (35) निवासी बलीगांव वैशाली नगर और शबनम परवीन (20) निवासी बलीगांव वैशाली बिहार को गिरफ्तार किया है.

गांव से झांसा देकर लाए जयपुर और घर में किया बंद
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी बिहार के गांवों से नाबालिग बच्चों को काम के साथ पढ़ाई कराने का झांसा देकर जयपुर लाए थे. गांव से जयपुर लाने के बाद बच्चों को घर से नहीं निकलने दिया जाता था और सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक चूड़ी बनाने का काम करवाया जाता. बच्चों को भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था. यदि कोई काम नहीं करता तो उसके साथ मारपीट भी की जाती थी. मकान में एक छोटे से कमरे में सभी बच्चों को बंद करके रखा जाता था. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मुक्त करवाए गए बच्चों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है. मुक्त करवाए गए सभी बच्चों को शेल्टर होम भेजा गया है जहां पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाएगा.

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