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Ground Report : इंदिरा रसोई ने एक करोड़ लोगों का भरा पेट...राजधानी में फिर फिसड्डी साबित हुई योजना

20 अगस्त को प्रदेश के 213 नगरीय निकायों में 358 इंदिरा रसोई शुरू की गई. महज साढ़े तीन महीनों में इन रसोइयों में एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने भोजन किया. लेकिन राजधानी में अभी भी लाभार्थियों का आंकड़ा 25% से ज्यादा नहीं पहुंचा है. ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में कुल 20 इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में 22 फ़ीसदी जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में महज 24 फ़ीसदी थाली ही सर्व हो सकी है. देखिये ये खास रिपोर्ट...

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इंदिरा रसोई पर जयपुर से ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Dec 15, 2020, 10:49 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 11:22 PM IST

जयपुर. राज्य की गहलोत सरकार ने राजीव गांधी जयंती से प्रदेश में इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की. राजधानी जयपुर में भी हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्रों में इसका संचालन शुरू हुआ. यहां 20 रसोइयों का संचालन हो रहा है. डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी ने बताया कि महज साढ़े 3 महीने में एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने इंदिरा रसोई में भोजन कर सुविधा का लाभ उठाया है. यहां साफ, स्वच्छ जगह पर बैठाकर महज ₹8 में खाना खाया जा सकता है और अब तक भोजन की गुणवत्ता और सर्विस को लेकर भी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई. चूंकि थाली की कॉस्ट ₹20 रहती है, ऐसे में शेष ₹12 का अनुदान राज्य सरकार देती है. ये व्यवस्था ऑनलाइन होने के चलते अब तक किसी तरह की गड़बड़ी की भी शिकायत नहीं आई है.

इंदिरा रसोई पर जयपुर से ग्राउंड रिपोर्ट

प्रदेश में योजना हिट, राजधानी में फिसड्डी

प्रदेश में इंदिरा रसोई योजना के तहत एक करोड़ लाभार्थियों का आंकड़ा सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन इन इंदिरा रसोइयों की हालात राजधानी के नजरिए से देखे जाएं तो यह योजना फेल साबित हो रही है. जयपुर की 20 रसोई में सुबह शाम दोनों नगर निगमों को 6000 लोगों को खाना खिलाने का लक्ष्य मिला है, लेकिन निगम के प्रयास 1400 लोगों को भी इंदिरा रसोई तक नहीं ला पा रहे. फिलहाल हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में 22 फ़ीसदी जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में महज 24 फ़ीसदी थाली ही उठ रही हैं.

हेरिटेज नगर निगम का रिपोर्ट कार्ड
ग्रेटर नगर निगम का रिपोर्ट कार्ड

बदली जाएगी फेल रसोइयों की लोकेशन

ऐसे में अब इनकी लोकेशन बदलने और कुछ रसोइयों को एक्सटेंशन करने की बात कही जा रहा है. डीएलबी डायरेक्टर ने बताया कि जिन रसोइयों में आवक कम है, उनकी लोकेशन बदलने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ रसोइयां ऐसी हैं, जहां जरूरतमंद लोगों का आना कम है. कुछ तो कोविड का भी प्रभाव है. ऐसे में निर्देश दिए गए हैं कि या तो स्थान बदलें या रसोइयों का नजदीकी एक्सटेंशन काउंटर शुरू करें.

योजना से अब तक 1 करोड़ लोग उठा चुके हैं लाभ

बहरहाल, जयपुर के नजदीक ही चाकसू, पावटा, शाहपुरा और विराटनगर में कैपेसिटी से ज्यादा सर्व किया जा रहा है. जबकि हेरिटेज नगर निगम सबसे फिसड्डी साबित हुआ है और उसके बाद नीचे से दूसरे पायदान पर ग्रेटर नगर निगम आता है. ऐसे में जयपुर का जिला प्रशासन और निगम प्रशासन इंदिरा रसोई योजना को सफल कराने में फेल साबित हुआ.

(* थाली की सर्विंग कैपेसिटी के अनुसार टोटल सर्व कम रहने के कारण रसोई फेल होने का आंकलन किया गया है)

Last Updated : Dec 15, 2020, 11:22 PM IST

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