चूरू.जिले के सबसे बड़े राजकीय भर्तिया अस्पताल में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एमसीएच विंग में सप्लाई होने वाले ऑक्सीजन प्लांट में लगे ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गए. उन्हें बदलने वाला वहां कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था.
देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे और एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक नवजात का सैचुरेशन 70 आने लगा तो आनन फानन में मासूमों के लिए ऑक्सीजन कन्संट्रेटर लगाए गए. लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद भी एसएनसीयू वार्ड प्रभारी इस लापरवाही पर पर्दा डाल मामला दबाने का प्रयास करते दिखे.
राजकीय भर्तिया अस्पताल की लापरवाही पूरे मामले में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. एफएच गौरी से बातकर लापरवाही कहां हुई, यह जानना चाहा तो उन्होंने इसका पूरा दोष उस कंपनी के कर्मचारियों पर थोप दिया, जिस कंपनी का दो जुलाई को ही अनुबंध खत्म हो चुका है. अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि एमसीएच विंग में ऑक्सीजन प्लांट की देखरेख का काम निजी कंपनी के कार्मिकों की ओर से किया जा रहा था. जबकि निजी कंपनी का टेंडर दो जुलाई को ही समाप्त हो गया था और वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर उसी कंपनी के कर्मचारियो को रखा गया था.
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वहीं इस पूरे मामले में निजी कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से गुरुवार शाम को उन्हें आने से मना कर दिया गया था, जिसके बाद से एमसीएच विंग का ऑक्सीजन प्लांट भगवान भरोसे चल रहा था. शुक्रवार को जब ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हुए तो प्लांट पर लगा सायरन जोर-जोर से बजने लगा और अफरा तफरी मच गई. जिसके बाद वापस उसी कंपनी के कर्मचारियों को आनन फानन में बुलाया गया और प्लांट के लिए भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर सेट करवाए गए.