चित्तौड़गढ़.इंस्पायर अवार्ड की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी की शुरुआत गुरुवार को भामाशाह द्वारका प्रसाद काबरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई. तीन दिवसीय प्रदर्शनी में 412 बाल वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं, जिनमें से 38 अकेले चित्तौड़गढ़ जिले से हैं. बालिकाएं भी बड़े उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग ले रही हैं. राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में 412 में से 201 छात्राएं हैं जो कि अपने-अपने मॉडल पेश करेंगी.
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय कल्पना शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी के पहले दिन आयोजनकर्ता सचिव पुष्पेन्द्र शर्मा आदि ने अन्य प्रदर्शनी का जायजा लिया. इस राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में कई बाल वैज्ञानिक अपने मॉडल के जरिए सभी का ध्यान खींच रहे हैं. चॉक डस्ट की परेशानी के निजात के लिए और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए बनाए मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे.
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चॉक डस्ट से परेशानी, निदान किया :कोटा के बडगांव स्थित गुरूनानक पब्लिक सेकंडरी स्कूल के छात्र हर्षित शर्मा ने जब चॉक डस्ट से अपनी टीचर को एलर्जी होते हुए देखा तो इसके निदान की दिशा में सोचना प्रारंभ किया. कुछ दिनों में एक ऐसा प्रोजेक्ट बना दिया कि डस्ट की समस्या तो दूर हो ही गई, साथ ही चॉक का पुनर्निर्माण भी होने लगा. हर्षित के इस प्रोजेक्ट में बोर्ड के चारों ओर एक फ्रेम है, जो वैक्यूम की मदद से चॉक की डस्ट खींच लेता है और एक कंटेनर में एकत्रित कर देता है. कंटेनर में एकत्रित डस्ट का उपयोग नई चॉक बनाने के लिए किया जा सकता है. 3 से 4 हजार रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में डस्ट से होनेवाली कई बीमारियों से भी निजात मिल सकती है.
ड्राइवर को झपकी लगी तो गाडी स्वतः रुकेगी : समान्यतः लंबी यात्रा में वाहन चालक को झपकी लगने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा रहता है. पिलानी (झुंझुनू) की छात्रा कुशाल कृष्णन ने खास तरह का मॉडल बनाया है. छात्रा की ओर से बनाए मॉडल में ड्राइविंग करते हुए एक ऐसा सेंसर लगाया गया है जो आंखों के बंद होने पर एक अलार्म के जरिए ड्राइवर को सचेत करेगा. नियत समय तक अलार्म बजने पर भी ड्राइवर के सचेत नहीं होने पर ऑटोमेटेड सेंसर गाड़ी के ब्रेक लगाकर रोक देगा. यह मॉडल सुरक्षित ड्राईविग के साथ व्यापक स्तर पर दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है.
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नामांकन में चित्तौड़गढ़ का श्रेष्ठ प्रदर्शन :इंस्पायर अवार्ड मानक योजना की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का मेजबान चित्तौड़गढ़ जिला नामांकन में अलग पहचान रखता है. आयोजक विद्यालय संस्था प्रधान शंभुलाल भट्ट ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिला सत्र 2018-19 में राज्य स्तर पर प्रथम रहा था. देशभर के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के मनोमस्तिष्क में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सोच उत्पन्न करने को लेकर इस कवायद में चित्तौड़गढ़ जिला सत्र 2019-20 में 2050 नामांकन कर राज्य में द्वितीय तो राष्ट्रीय स्तर पर 31 वें स्थान पर रहा.
उन्होंने बताया कि इस सत्र में जिले से 145 बाल वैज्ञानिकों के विचारों का प्रारंभिक स्तर पर चयन हुआ. राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपलब्धि दर्ज करवाने के बाद चित्तौड़गढ़ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सत्र 20-21 में कोविड काल होते हुए भी इस योजना में जिले से 7321 नामांकन करवाया. इस सत्र में नामांकन स्तर पर जिला राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर 6वें स्थान पर रहा.