बूंदी. जिले के देवपुरा थाना इलाके में सोमवार को कुछ बदमाशों ने एक हेड कांस्टेबल पर चाकू से हमला कर दिया. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हेड कांस्टेबल को बूंदी अस्पताल के ट्रामा वार्ड लेकर गए, जहां उसका उपचार जारी है.
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जानकारी के अनुसार सदर थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह देवपुरा तहसील के पास अपने निवास के बाहर खड़ा था. इसी दौरान बाइक पर आए दो बदमाशों ने उस पर चाकू से हमला कर दिया. चाकू के वार से हेड कॉन्स्टेबल के गले में घाव हो गया. सूचना पर आनन-फानन में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद हेड कॉन्स्टेबल को घर भेज दिया गया. गनीमत यह रही कि चाकू के वार से हेड कांस्टेबल को कोई गहरा घाव नहीं लगा.
फिलहाल, सदर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. वहीं, हेड कॉन्स्टेबल पर चाकू से हमला करने के आरोप में दो आरोपियों को डिटेन कर लिया गया है, जिनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी शिवराज मीणा भी सदर थाने पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
पुलिस का कहना है कि जो आरोपी डिटेन किए गए हैं उनका कहना है कि वे घात लगाकर बैठे हुए थे और किसी अन्य को चाकू मारने की फिराक में थे, लेकिन हेड कांस्टेबल घटनास्थल के पास मास्क लगाकर किसी का इंतजार कर रहा था और उक्त आरोपियों ने अपना शिकारी समझकर हेड कांस्टेबल के चाकू से हमला कर फरार हो गए. सदर थाना पुलिस हेड कांस्टेबल के बयानों के आधार पर मामले की जानकारी में जुटी हुई है.
बूंदी: रेलवे फाटक नंबर 49 पर ट्रेन हादसे की मॉक ड्रिल
बूंदी में कोटा रेलवे मंडल की ओर से रेलवे फाटक नंबर 49 पर ट्रेन हादसे की मॉक ड्रिल करवाई गई. इस मॉक ड्रिल में मालगाड़ी और पिकअप की भिड़ंत में कुछ लोगों के घायल होने और तड़पने की जानकारी दी गई थी. ट्रेन हादसे की जानकारी पर मौके पर प्रशासनिक अमला पहुंचा.
बता दें कि कोटा रेलवे मंडल की ओर से बूंदी के श्रीनगर-सिलोर फाटक के बीच मॉक ड्रिल की गई. यहां कोटा रेलवे मंडल की ओर से बूंदी कंट्रोल रूम को यह सूचना दी गई थी कि फाटक नंबर 49 E पर मालगाड़ी से एक पिकअप टकरा गई है, जिसमें 7 लोग घायल हो गए हैं और कुछ लोगों की मौत भी गई है.
कोटा रेलवे मंडल के सीनियर डीसीओ रोहित मालवीय ने कहा कि रेलवे विभाग की तत्परता को जांचने पर मौके पर किस तरीके से राहत कार्य बचाव हो इसकी जांच करने के लिए कोटा मंडल ने यह मॉक ड्रिल करवाई थी. मॉक ड्रिल मैं विभाग ने जाना कि कि कौन किस तरीके से कार्रवाई करने पहुंचता है.