बीकानेर. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार की अमावस्या बेहद खास होती है, क्योंकि इस दिन किया गया धार्मिक कार्य अक्षय पुण्य देने वाला होता है. पूर्वजों के लिए तर्पण प्रार्थना के लिए एक बहुत ही शुभ तिथि है. अमावस्या के बारे में माना जाता है कि जो व्यक्ति दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य उस अन्नदाता को मिल जाता है. वैशाख मास की अमावस्या है. इस बार इसी दिन 2023 का पहला सूर्य ग्रहण भी है. हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए देश में सूतक नहीं लगेगा. इसलिए अमावस्या से जुड़े सभी पूजन कार्य पूरे दिन किए जा सकते हैं.
करें ये काम : ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी कहते हैं कि अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवां अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें. सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें कि पूजन का पुण्य पितरों को मिले इससे पितरों का आर्शीवाद मिलता है और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी.
आर्थिक स्थिति सुधारने का उपाय : कपिल जोशी कहते हैं कि अमावस्या के दिन माली हालत ठीक करने के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा हवन कार्य करें. हवन में काले तिल, जौ, चावल, गाय का घी, चंदन पाउडर, गूगल, गुड़, देशी कपूर और गौ चंदन या कण्डा हवन साम्रगी का इस्तेमाल करते हुए इन आहुति मंत्र का जप करते हुए आहुति दें.
ॐ कुल देवताभ्यो नमः
ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः