राजस्थान

rajasthan

भीलवाड़ा: राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद एपीओ तहसीलदार स्वाति झा ने फिर ग्रहण किया पदभार

By

Published : May 27, 2021, 7:39 PM IST

राजनीतिक दबाव के चलते भीलवाड़ा जिले के हुरड़ा तहसीलदार स्वाति झा को एपीओ किया गया था. लेकिन अब राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्वाति झा ने फिर से हुरड़ा तहसीलदार के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया है.

ajasthan High Court order, APO Tehsildar Swati Jha
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद एपीओ तहसीलदार स्वाति झा ने फिर ग्रहण किया पदभार

भीलवाड़ा.राजनीतिक दबाव के चलते भीलवाड़ा जिले के हुरड़ा तहसीलदार स्वाति झा को एपीओ किया गया. राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्वाति झा ने वापिस हुरड़ा तहसीलदार के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया है. कोरोना काल में तहसीलदार द्वारा अपनी ड्यूटी निर्वहन करते समय एक राजनेता के समर्थक के राजस्व का अनैतिक काम तहसीलदार द्वारा नहीं करना एक राजनेता को नागवार गुजरा.

जिले की हुरड़ा तहसीलदार स्वाति झा को राजस्व मंडल अजमेर में पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा में एपीओ किया गया लेकिन हाईकोर्ट जोधपुर ने तहसीलदार के पदस्थापन आदेश पर रोक लगा दी. हुरडा तहसीलदार स्वाति झा ने वापिस हुरडा तहसीलदार पद पर पदभार ग्रहण कर लिया. कार्य का निर्वहन करते समय तहसीलदार को एपीओ करने के बाद राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद संगठन में आक्रोश फैल गया.

राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद एपीओ तहसीलदार स्वाति झा ने फिर ग्रहण किया पदभर

राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद संगठन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निंदा प्रस्ताव भेजा गया जिसमें लिखा गया कि हुरड़ा तहसीलदार स्वाति झा अपने तहसील कार्यालय में कार्य कर रही थी. इसी दौरान भीलवाड़ा जिले के कांग्रेस के एक प्रभावशाली राजनेता के समर्थक वहां आए और उनका राजस्व का काम जल्द करवाने के लिए दबाव बनाया.

ये भी पढ़ें:कोरोना संक्रमण ने बिगाड़ा राज्य वित्तीय बजट, सरकार की खजाना भरने की कवायद तेज... यहां लग सकता है सर चार्ज

निंदा प्रस्ताव में तहसीलदार और नायब तहसीलदार संगठन की ओर से लिखे गए प्रस्ताव में लिखा कि कोरोना जैसी महामारी के बीच जहां प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पूरा पालन कर रहे थे. वहीं स्वाति झा पर राजस्व का कार्य करने के लिए राजनीतिक दबाव बनाया गया. जहां संगठन की ओर से मांडल से विधायक रामलाल जाट पर आरोप लगाते हुए कहा कि रामलाल जाट के समर्थक तहसील कार्यालय में पहुंचे और राजस्व का काम करने के लिए तहसीलदार पर दबाव बनाया.

इस प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध जांच करवाकर प्रभावी कार्रवाई की जाए. राजस्व मंडल द्वारा किए गए एपीओ आदेश को प्रतिहारित कर फिर तहसीलदार हुरड़ा के पद पर बहाल किया जाए नहीं संपूर्ण राजस्व सेवा परिषद के राज्यव्यापी आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा और इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की रहेगी. विधानसभा सत्र में मांडल विधायक द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार के विरुद्ध भी निंदा प्रस्ताव लाया जाए ऐसी हम अपेक्षा करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details