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Special : योग के सहारे कैंसर को मात देने वाले सुचित खंडेलवाल की कहानी, मुंह के कैंसर का ऑपरेशन होने के बाद नहीं खुल रहा था जबड़ा

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Published : Jun 21, 2021, 5:44 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 9:21 AM IST

अगर नियमित रूप से योग किया जाय तो असाध्य रोगों से भी छुटकारा पाया जा सकता है. मुंह के कैंसर का ऑपरेशन (mouth cancer surgery) कराने के बाद भरतपुर के सुचिन खंडेलवाल का मुंह नहीं खुल रहा था. एक हाथ और पैर भी काम नहीं कर रहा था लेकिन योग ने उन्हें फिर उनकी पुरानी जिंदगी वापस लौटा दी. सुचित खंडेलवाल की ये कहानी आपको भी पढ़नी चाहिए...

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योग के सहारे कैंसर को मात देने वाले सुचित खंडेलवाल की कहानी

भरतपुर.आठ साल पहले जब सुचित खंडेलवाल को पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर (mouth cancer surgery) है तो उन पर और उनके परिवार पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. परिजनों ने मुंबई के एक अस्पताल में सुचित के कैंसर का सफल ऑपरेशन (successful operation) कराया लेकिन ऑपेरशन के बाद सुचित का ना तो मुंह खुल पा रहा था और ना ही बाएं हाथ और पैर सही से चल पा रहे थे. कुछ दिन बाद सुचित ने योग का सहारा लिया और योग इनके लिए संजीवनी साबित हुआ. नियमित योग और व्यायाम से अब ना केवल सुचित के हाथ पैर और मुंह सही हो गए बल्कि अब वो पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी रहे हैं.

योग के सहारे कैंसर को मात देने वाले सुचित खंडेलवाल की कहानी
योगासन से डेढ़ महीने में मिला लाभ-
सुचित खंडेलवाल ने बताया कि साल 2013 में कैंसर के ऑपेरशन (cancer surgery) के बाद जब वो अस्पताल से घर आये तो रेडिएशन और ऑपेरशन के कई साइड इफेक्ट उनके शरीर में नजर आए. ऑपेरशन की वजह से ना तो मुंह खुल पा रहा था और ना बायां हाथ इसके साथ ही पैरों का मूवमेंट भी सही से नहीं हो पा रहा था.
कैंसर सर्वाइवर सुचित खंडेलवाल

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ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक ने योगा और व्यायाम की सलाह दी. इसके बाद हर दिन सुबह के वक्त एक घंटे तक करीब 30 अलग अलग योगासन करना सुचित ने शुरू किया. इनमें मुख्य रूप से सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, कपालभाति योगासन शामिल थे. सुचित कहते हैं- हर दिन नियमित योग का ही असर था कि सिर्फ डेढ़ महीने में मुंह खुलने लगा और पैर का मूवमेंट भी होने लगा. अब सूचित बीते आठ साल से नियमित रूप से योगा कर रहे हैं.

कैंसर सर्वाइवर सुचित खंडेलवाल
सुचित खंडेलवाल की पत्नी दीप्ति खंडेलवाल कहती है- ऑपरेशन के बाद सबसे पहले दिक्कत उनको खाने की हुई थी. डॉक्टर की सलाह पर उनको मैच किया हुआ खाना खिलाना शुरू किया गया. मुंह, हाथ और पैर में दर्द, मूवमेंट की समस्या से निजात पाने के लिए सुचित ने योग कराना शुरू किया.
जिंदगी में योग लेकर आया खुशहाली-
सुचित और दीप्ति खंडेलवाल ने खुद के अनुभवों को साझा करते हुए लोगों से नियमित रूप से योग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि योगा सभी बीमारियों को बिना दवाई के खत्म करने का सबसे अच्छा माध्यम है. इससे शरीर के प्रत्येक अंग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है. इसी का परिणाम है कि सुचित एक फिर से अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.
कैंसर सर्वाइवर सुचित खंडेलवाल
आखिर क्यों होता है कैंसर?
योग में आमतौर पर हम इसे इस तरह देखते हैं जैसे इंसान के व्यवहार, खान-पान, जीवनशैली या किन्हीं दूसरी वजहों से जब ऊर्जा में कुछ खास किस्म का खालीपन पैदा हो जाता है तो हमारे शरीर में कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने का खतरा बनता है.

अगर शरीर के किसी खास हिस्से में ऊर्जा का प्रवाह ठीक नहीं हो तो कैंसर कोशिकाएं उस जगह को छुपने और फलने-फूलने के लिए चुन लेती हैं. कैंसर कोई बिमारी नहीं, बल्कि इसमें कुछ कोशिकाएं आपके खिलाफ हो जाती हैं और इससे आपका शरीर ही आपके खिलाफ काम करने लग जाता है.

कैंसर सर्वाइवर सुचित खंडेलवाल

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योग और कैंसर-

योग में कुछ खास किस्म की आध्यात्मिक तरीके और क्रियाएं हैं, जो शरीर प्रणाली को सुधारे और संतुलन बनाने में मदद करती हैं. कई कैंसर पीड़ित मरीजों में देखा गया है कि योग को अपना कर वो ठीक हो गए हैं. हमने ऐसे भी लोग देखे हैं जो योग के जरिये कीमोथेरेपी के बाद बड़ी ही तेजी से योग के जरिए उबर है. इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर भी उन्हें देख कर हैरान रह गए. ऐसा देखा गया है कि कैंसर जैसी भयावह बिमारियों में योग बहुत ज्यादा कारगर है.

Last Updated :Jun 22, 2021, 9:21 AM IST

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