बांसवाड़ा. लॉकडाउन के बीच सरकार के श्रमिकों की घर वापसी के आदेश को देखते हुए कामगार अब अपने अपने घरों को जाने के लिए सड़कों पर आ रहे हैं. ऐसे ही युवा कामगारों एक टोली देर रात सैकड़ों किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के जबलपुर क्षेत्र के लिए रवाना हो गए.
कामगार कलेक्ट्रेट पहुंचे
इन कामगारों में अधिकांश युवा महिला श्रमिक शामिल थी. जो येन केन प्रकारेण अपने घर लौटने को लालायित थी. प्रशासन द्वारा संबंधित कपड़ा फैक्ट्री के अधिकारियों को भी बुलाया गया, लेकिन इन श्रमिकों ने उनकी एक नहीं सुनी और प्रशासन के समक्ष घर भेजने की गुहार लगाई. करीब 3 दर्जन से अधिक यह कामगार अपने घरों से निकलकर कलेक्ट्रेट गेट पहुंच गए. एक साथ इतने बच्चों को देखकर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए.
बॉर्डर तक छोड़ दें
एसपी केसर सिंह शेखावत, एसडीएम पर्वत सिंह चुंडावत, तहसीलदार बृजेश गुप्ता, शहर कोतवाली प्रभारी भैया लाल और आंजना सहित पुलिस एवं प्रशासन के कई अधिकारी पहुंच गए और उन लोगों को समझाने की भी कोशिश की. परंतु वे अपने घर जाने पर अड़ गए और रतलाम तक छोड़ने की मांग को लेकर रोडवेज बस में बैठ गए. वहीं स्थिति यह थी कि रोडवेज को मध्य प्रदेश की सीमा तक जाने का आदेश था. वहां से रतलाम की दूरी करीब 20 किलोमीटर है. इसके बावजूद युवा कामगार एक ही रट लगाए हुए थे कि हमें बॉर्डर तक छोड़ दे हम आगे का सफर पैदल पूरा कर लेंगे. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने एक कर्मचारी को साथ देते हुए उन्हें रोडवेज से रवाना कर दिया.