अलवर. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर सामने आया है. अलवर में वन विभाग के पास सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे. कुछ साल पहले वन विभाग को आरएसी दी गई थी लेकिन दो साल से वन विभाग के पास RAC बटालियन नहीं थी. इसके चलते अवैध खनन माफिया खुलेआम अवैध खनन कर रहे थे. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद वन विभाग को आरएसी की दो कंपनी दी गई है.
अलवर में अवैध खनन के आए दिन मामले सामने रहते हैं. अवैध खनन करने वाले खनन माफिया वन विभाग, खनन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन की टीम पर हमला करने के कई वारदात सामने आई है. किसान आंदोलन, गुर्जर आंदोलन और अन्य कार्यक्रमों के चलते आरएसी (Rajasthan Armed Constabulary) की कंपनी वन विभाग से वापस ले ली गई. ऐसे में वन विभाग के पास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे.
ऐसे में ईटीवी भारत ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया. जिसके अनुसार उन्होंने बताया कि कोरोना काल में एक बार फिर जमकर अवैध खनन शुरू हो गया है. वहीं खनन विभाग का कहना है कि उसके पास अवैध खनन रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. पहले वन विभाग को आरएसी मिली थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आरएसी वापस ले ली गई. इसके अलावा खनन विभाग को बॉर्डर होमगार्ड मिले थे लेकिन उनको भी कोरोना महामारी के चलते वापस ले लिया गया. ऐसे में खनन विभाग के पास इस समय कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त फोर्स नहीं है. जिसके बाद ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. अब RAC मिलने से अवैध खनन पर लगाम लग सकेगी.
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