अजमेर. गहलोत सरकार के 4 साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. इसको लेकर विपक्ष की ओर से हमले तेज हो गए हैं. देवनानी ने आरोप लगाया कि 4 वर्षों में कोई कांग्रेसी जनता के बीच नहीं गया, यदि जाता तो उन्हें आक्रोश का पता चलता. उन्होंने कहा कि अंतर्कलह के कारण कांग्रेस संगठन का धरातल पर कुछ नहीं है. चार वर्षो में कांग्रेस कई जिलों में जिलाध्यक्ष, यूआईटी, विकास प्राधिकरण अध्यक्षों की नियुक्ति तक नहीं कर पाई है.
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि 4 वर्षों में कोई कांग्रेसी जनता के बीच में नहीं गया है. सरदारशहर की जीत से प्रदेश में अपनी उपलब्धियों का आकलन (Vasudev Devnani Targets Gehlot Government) कांग्रेसी कर रहे हैं तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है. सरदारशहर में कांग्रेस सिंपैथी से जीती है. उसके बाद भी कांग्रेस को कोई शंका है तो 1 वर्ष पहले ही मध्यवर्ती चुनाव करवा कर देख ले, सब सामने आ जाएगा.
गहलोत सरकार के मंत्री स्वयं कह रहे हैं कि अगले चुनाव में कांग्रेस के एमएलए की संख्या एक फॉर्च्यूनर गाड़ी में बैठने जितनी ही होगी. बीजेपी के भीतर अंतर्कलह के सवाल पर देवनानी ने कहा कि मौजूदा सीएम तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष को नकारा, निकम्मा और गद्दार कहे और दूसरे दिन कांग्रेस के केंद्र की मजबूरी से हाथ मिलाए, इससे पता चलता है कि उनका स्तर कहां है. प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस अपना जिला अध्यक्ष भी नहीं बना पाई है. प्रदेश में कांग्रेस संगठन नाम की चीज नहीं है.
मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एकजुट, कांग्रेस में अंतर्कलह : कांग्रेस में अंतर्कलह है, इस कारण यूआईटी, विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तक नहीं बन पाए हैं. बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व है. पार्टी में सभी एकमुखी होकर चल रहे हैं. उसका ही परिणाम है कि प्रदेश की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी की जन आक्रोश रैली निकली है. आक्रोश रैलियों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया है. साथ ही जनता के आक्रोश को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुना है. जनता के बीच में जाएंगे, तभी तो कांग्रेसियों को आक्रोश दिखेगा. जनता के बीच में ही नहीं जाएंगे तो आक्रोश कहां से दिखेगा. उन्होंने बताया कि डेढ़ सौ किलोमीटर उनके क्षेत्र में आक्रोश रैली के साथ यात्रा की है. जनता ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया है.
भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी का महज पर्यटन : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) उनका पर्यटन है. स्वयं को कायम रखना राहुल का ध्येय है. संगठन को मजबूत करने का उनका कोई लक्ष्य और सोच नहीं है. राहुल गांधी इतना घूम फिर कर आए हैं और कई कांग्रेसियों ने कांग्रेस ही छोड़ दी. यह तो उनकी कांग्रेस तोड़ो यात्रा कही जा सकती है. इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है.