जयपुर. शहर के कुछ इलाकों में पिछले 2 दिन से आ रहे पीले पानी (yellow water supply in jaipur city) को लेकर विभाग शुक्रवार को सक्रिय हुआ और सैकड़ों स्थानों पर सैंपल लेकर पानी की जांच की. विभाग ने जांच में पानी की गुणवत्ता संतोषप्रद माना है. विभाग के अभियंताओं ने भी जयपुर शहर के 450 स्थानों पर पानी की जांच की. जलदाय मंत्री महेश जोशी इस समय दिल्ली में है और वहीं से पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
जयपुर शहर में पिछले दो दिन में कुछ इलाकों से बीसलपुर सप्लाई के पानी की गुणवत्ता की शिकायतों के बाद जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग करने और गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने दिल्ली से ही अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति पहले की तरह सुचारू बनाने, जलापूर्ति की निरंतर मॉनिटरिंग करने और उपभोक्ताओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें:पेयजल की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने SDM को सौंपा ज्ञापन, पानी की समस्या के समाधान की रखी मांग
मुख्य रसायनज्ञ और बीसलपुर आपूर्ति से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि पानी में पीलेपन की शिकायतें जरूर थी. लेकिन उसमें बदबू और गंदलापन नहीं था. रंग परिवर्तन होने के बाद भी यह पानी किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं था जो सैम्पल लिए गए उनमें जीवाणु परीक्षण एवं केमिकल एनालिसिस के परिणाम संतोषप्रद मिले हैं. पानी के रंग मानकों में जो वृद्धि हुई थी वह भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से निर्धारित गुणवत्ता की अधिकतम स्वीकार्य सीमा में थी. बीसलपुर बांध से आने वाले रॉ वॉटर के रंग में कुछ बदलाव की जानकारी मिलते ही गांधी नगर स्थित मुख्य प्रयोगशाला में इसके सैम्पल भेजे गए और सैम्पल रिपोर्ट प्राप्त होते ही सूरजपुरा स्थित मुख्य फिल्टर प्लांट में पॉली एल्यूमिना क्लोराइड (पीएसी) की डोज 30 पीपीएम से बढ़ाकर 35 पीपीएम और बाद में आवश्यकतानुसार 38 पीपीएम कर दी गई.
अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता आरसी मीणा ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से तय मानकों के अनुसार पेयजल के लिए सप्लाई किए जाने वाले पानी में रंग की मात्रा की अधिकतम स्वीकार्य सीमा 15 हेजन यूनिट्स है. 15 सितम्बर को शहर के अलग अलग स्थानों पर पेयजल के नमूनों में रंग की मात्रा 15 हेजन यूनिट्स से कम पाई गई है. शुक्रवार को लिए गए पेयजल नमूनों में यह घटकर 5 हेजन यूनिट्स से कम मिली है, जो कि पानी की गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर पाई गई है. मीणा ने बताया कि शनिवार को स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी.
पढ़ें:Water Crisis in Rajasthan : रेलवे ने चलाई वाटर स्पेशल ट्रेन...2022 में अबतक पाली के लिए लगभग 20 करोड़ लीटर पेयजल परिवहन
आरसी मीणा ने बताया कि विभागीय प्रयोगशाला की ओर से जयपुर शहर में विभिन्न स्थानों पर वितरित पेयजल के 98 जल नमूने जीवाणु परीक्षण के लिए एकत्रित किये थे, जिनका परिणाम सन्तोषप्रद मिला है. 36 जल नमूनों का परिणाम आना बाकी है. रासायन के लिए 72 और गंधलेपन की जांच के लिए 42 नमूने लिए गए जिनका भी परिणाम सन्तोषप्रद पाया गया. शुक्रवार सुबह भी कुछ स्थानों पर पीले पानी की सप्लाई हुई.
पीने योग्य है पानी, नहीं है कोई नुकसान: जलदाय मंत्री को अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में पानी में पीलेपन की शिकायतें जरूर आई हैं. लेकिन कहीं भी गंदा पानी या गंध आने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. बीसलपुर बांध से आपूर्ति किये गये पानी में पाया गया पीलापन मानकों की निर्धारित स्वीकार्य अधिकतम सीमा के भीतर ही था एवं इसके पूर्णतया पीने योग्य होने से आमजन के स्वास्थ्य पर इसका कोई दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है.
460 स्थानों पर की जांच: सप्लाई में पीला पानी आने के बाद जयपुर शहर में फील्ड अभियंताओं ने 450 स्थानों पर पेयजल की जांच की, जिसमे गुणवत्ता सन्तोषजनक मिली. ये सैम्पल जयपुर शहर के विद्याधर नगर, परकोटा क्षेत्र, अम्बाबाडी, शास्त्री नगर, झोटवाडा, मुरलीपुरा, ब्रह्मपुरी, ईदगाह, वन विहार कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर, गलतागेट, लक्ष्मीनारायणपुरी, सिविल लाइन्स, बनीपार्क, गांधीनगर, ज्योति नगर, गोपालबाड़ी, मालवीय नगर, महेश नगर, चित्रकुट नगर प्रताप नगर, सांगानेर, मानसरोवर आदि स्थानों पर एकत्र किए गए थे. जलदाय मंत्री के निर्देशों के बाद विभाग के वरिष्ठ रसायनज्ञों ने शुक्रवार को सूरजपुरा फिल्टर प्लांट से पानी के सैम्पल जांच के लिए जयपुर स्थित मुख्य प्रयोगशाला भेजा गया. शहर में पेयजल आपूर्ति के समय अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता निरन्तर मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं.
फर्म और अभियंताओं को नोटिस: डॉ. जोशी के निर्देश के बाद सूरजपुरा जलशोधन संयंत्र का संचालन एवं संधारण कर रही फर्म मैसर्स जी. सी. के.सी. को संविदा की शर्तों के अनुरूप नोटिस जारी किया गया है. साथ ही अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियन्ता को भी नोटिस जारी कर तीन दिन में इस सम्बंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध में पानी की निरन्तर आवक बनी हुई है और गेट खोल कर पानी की निकासी भी की जा रही है. ऐसे में बीसलपुर बांध में इन्टेक बैल के समीप काफी टबूलेंस है. पानी की बढ़ी हुई आवक से भी टबूलेंस में और बढ़ोतरी हुई है. साथ ही बारिश से उत्पन्न नमी से एल्गी की मात्रा में भी वृद्धि हुई है. बारिश के मौसम में बांध के पानी की गुणवत्ता भी परिवर्तिनशील प्रकृति की रहती है.