जयपुर. आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास (Justice GK Vyas) ने हाल ही में मीडिया में प्रसारित इससे जुड़ी खबरों के आधार पर संज्ञान लिया है. इस संबंध में आयोग (Rajasthan State Human Rights Commission) की ओर से जारी आदेश में लिखा गया कि 23 नवंबर को विभिन्न मीडिया में डूंगरपुर जिले में 25,000 से अधिक बच्चे कुपोषित, जिसमें 29 बच्चे अति कुपोषित पाए जाने की खबरें चली हैं.
आयोग ने लिखा कि डूंगरपुर में 2017 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होने के बावजूद इस वर्ष 25000 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं और वर्ष 2020 में डूंगरपुर में 3565 बच्चे कुपोषित पाए गए थे. आयोग ने कहा कि प्रसारित खबरों में यह भी बताया गया कि 6 माह में 5 वर्ष तक के बच्चों का नामांकन कर उन्हें पोषाहार दिया जाता है, जिसमें बच्चों को गर्म और पैकिंग पोषाहार के अतिरिक्त दूध भी दिया जा रहा है. सरकार द्वारा कुपोषण (Malnutrition) को दूर करने के लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. इसमें लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन कुपोषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है.
आयोग ने निम्न बिंदुओं पर विभाग की प्रमुख सचिव डूंगरपुर कलेक्टर से जवाब मांगा है...
1. महिला एवं बाल विकास विकास विभाग द्वारा क्या-क्या स्कीम कुपोषण को दूर करने के लिए चालाई जा रही है.