अलवर. शहर में पेयजल समस्या चरम पर है. जून माह की तपती दोपहरी में आमजन पानी की खातिर सड़कों पर आने को मजबूर हैं. पिछले कुछ सालों से सुखते नलकूपों और जलदाय विभाग के उदासीन रवैया के कारण स्थिति और भी भयावह होती जा रही है. अलवर के कुछ इलाकों में सालों से तो वहीं कुछ इलाकों में महीनों से पानी की समस्या गहरा गई है. गर्मी की मौसम में स्थिति और भी बद से बदतर हो जाती है.
वही बात की जाये अमृत जल योजना की तो उसमें भी काम कम और दिखावा ज्यादा नजर आ रहा है. जलदाय विभाग को शिकायत करने पर आश्वासन ही मिलता है. मंगलवार को पानी की समस्या के चलते शहर के कई वार्डों के पार्षद और निवासी जलदाय विभाग पहुंचकर प्रदर्शन किया.
वार्ड 56 के पार्षद हेतराम यादव ने बताया कि अमृत जल योजना के ठेकेदार पैसा लेकर लोगों के कनेक्शन कर रहा है. इस संबंध में जब जलदाय विभाग के एक्सईएन को शिकायत की तो उन्होंने ठेकेदार को पाबंद करने की बात कही, लेकिन स्थिति वही है. लोगों ने समय रहते डिमांड राशि को जमा करा दिया बावजूद इसके कई साल निकल गए लेकिन नलों तक पानी नहीं आया.
टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर
वार्ड नंबर 4 निवासी लाली नायक ने बताया कि गर्मियों में दिन रात पानी को लेकर भागदौड़ करनी पड़ रही है. सरकार कोरोना से बचने के लिए घर में रहने की बात कह रही है. जब घरों में पानी नहीं आएगा तो उसे लेने के लिए बाहर जाना ही पड़ेगा. लगभग 3 साल से पानी की समस्या से वार्डवासी जूझ रहे हैं. टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर हैं. काम धंधे नहीं होने के कारण अब वह भी संभव नहीं. वही सरकारी पानी के टैंकरों पर भीड़ लग जाती है. लोगों की संख्या ज्यादा होने व पहले पानी भरने की होड़ के चलते आपसी झगड़े होना आम बात है.
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वार्ड नंबर 4 के पार्षद ज्योति जाटव ने बताया कि वार्ड की कई इलाकों में कई महीनों से पानी की एक बूंद तक नहीं आ रही. जिसमें लड्डू खास की बगीची इलाके की स्थिति तो बहुत खराब है. गलियां छोटी व सीकुड़ी होने के वजह से पानी का टैंकर भी नहीं जा पाता. जलदाय विभाग के एईएन, जेईएन, जिला कलेक्टर सहित मंत्री को पानी की समस्या से अवगत कराया, लेकिन किसी ने समस्या का समाधान नहीं किया.