अजमेर. 1993 में देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, हमीमुद्दीन और इरफान अहमद को टाडा कोर्ट में पेश किया गया. सुरक्षा कारणों की वजह से टाडा कोर्ट जेल परिसर में ही लगी. जहां मामले में 2 गवाहों के बयान कोर्ट के समक्ष दर्ज किए गए.
वकील अब्दुल रशीद ने बताया कि केंद्रीय कारागार परिसर में स्थित टाडा कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई जिसमें 2 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कामली के तत्कालीन सहायक रेलवे स्टेशन मास्टर एसएल गुप्ता और सीबीआई इंस्पेक्टर अजायब सिंह के बयान कलमबद्ध किए गए.
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