झाबुआ। हाथ में भगवान की प्रतिमाएं, चेहरे पर गुलाल और मुंह पर गणपति बप्पा मोरया का जयघोष. कोई पैदल विघ्नहर्ता को लेकर जा रहा था तो कोई डीजे पर थिरकते हुए जुलूस के रूप में. कस्तूरबा मार्ग में झाबुआ के राजा विधि-विधान के साथ अपने दरबार में विराजे. गणेशोत्सव की शुरुआत बुधवार को हुई. कोरोना संक्रमण के दो साल बाद मनाए जा रहे गणेशोत्सव को लेकर इस वर्ष उत्साह है. शहर के हर गली मोहल्ले में भगवान की प्रतिमा की स्थापना की गई है. कस्तूरबा मार्ग में मुंबई के लालबाग के राजा की तर्ज पर झाबुआ के राजा की महास्थापना की गई है. इस बार झाबुआ के राजा की प्रतिमा को राजा राम के रूप में तैयार की गई है. पांडल भी अयोध्या की तरह ही सजाया गया है. बारिश के मद्देनजर पंडाल पूरी तरह वॉटर प्रूफ है. गणेशोत्सव के दौरान रोजाना रात में भगवान की महाआरती होगी और 1100 लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा.