गुम हो रहा बुंदेलखंड का लोकनृत्य 'मोनिया', जानें क्या है वजह ?
टीकमगढ़। बुंदेलखंड का प्रसिद्ध लोकनृत्य मोनिया डांस धीरे-धीरे अब विलुप्त होता जा रहा है. दिवाली के अगले दिन से भाई दूज तक मंदिरों में होने वाला यह नृत्य अब लोग कम ही करते नजर आते हैं. दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद मोनियों की टोलियां रंग-बिरंगी आकर्षक पोशाक पहनकर गांव-गांव निकलती हैं. ग्वाले अपने शृंगार में गजरा और मोरपंख लगाकर भगवान श्री कृष्ण की आराधना करते हुए गांव-गांव जाते हैं. साथ ही मौन व्रत करके 12 मंदिर जाने का संकल्प लेते हैं. इसके बाद सभी टोली में 12 गांव के 12 मंदिरों में गीत संगीत करते और मोनिया नृत्य करते हैं. इस दौरान लोग हाथ में लाठियां, डांडिया और मोरपंख लेकर तरह-तरह की मोनमोहक क्रियाएं करते हैं, लेकिन अब लोगों का इस लोकनृत्य से मोहभंग होता नजर आ रहा है, इसकी वजह लोगों में अब इस कला के प्रति दिलचस्पी का कम होना बताया जा रहा है.