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Pandit Pradeep Mishra का फूटा गुस्सा, पुलिसकर्मी और मीडिया को सुनाई खरी-खोटी

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Published : Apr 11, 2023, 11:09 AM IST

उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा का सोमवार को आखरी दिन था, इस दौरान उन्होंने लाखों श्रोताओं के सामने बाबा महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस को खूब खरी-खोटी सुनाई. इतना ही नहीं उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया.

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पुलिस पर फूटा पंडित प्रदीप मिश्रा का गुस्सा

प्रदीप मिश्रा का गुस्सा पुलिस और मीडिया पर फूटा

उज्जैन। जिले में आजोजित हुई सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आखिरी दिन विवादों में आ गया, शिव महापुराण कथा आयोजन के आखिरी दिन पंडित प्रदीप मिश्रा का गुस्सा महाकाल दरबार के व्यव्स्थापक पर फूट गया. दरअसल कथा की शुरुआत से पहले 2 अप्रैल को पंडित मिश्रा बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचे थे, यहां वे मंदिर में व्यवस्थाओं से नाराज हुए थे. यही नाराजगी उन्होंने कथा के आखिरी दिन लाखों श्रोताओं के सामने व्यक्त करते हुए महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर मंदिर समिति के जिम्मेवारों को खूब खरी-खोटी सुनाई.

महाकाल के व्यवस्थाओं पर प्रदीप मिश्रा का फूटा गुस्सा: पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा सुन रहे लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा, "ये भी तो शिव भक्त हैं, ये भी तो शकंर के हैं, एक व्यक्ति के अंदर अभिमान नहीं आना चाहिए कि मैं महाकाल के मंदिर में दर्शन करवा सकता हूं." उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारों पर वार करते हुए कहा, "वह तो न जाने तेरे कौन से ऐसे भाग्य अच्छे थे जो तेरी ड्यूटी महाकाल ने अपने चरणों में लगा रखी है. ये तेरी किस्मत है, तेरे जैसे न जाने कितने महाकाल ने झारखंड के जंगल में छोड़ रखे हैं, जो रोज गोलियां झेल रहे हैं और तू उनके दरवाजे पर खड़े होकर भक्तों के जयघोष नहीं झेल पा रहा. उसमें भी अहंकार हम दर्शन करवा रहे हैं, धकले जा रहे हो भक्तों को. एक क्षण उस कालधिपति से नैन तो मिलाने दे. एक क्षण उसका दर्शन तो करने दो, पैसा लगाकर हजारों किलोमीटर से लोग आते हैं, उनको दिल से दिल तो लगाने दो, किस अभिमान में जी रहे हो."

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प्रदीप मिश्रा ने पत्रकारों पर भी कसा तंज: इसके साथ ही पंडित प्रदीप मिश्रा ने पत्रकारों पर भी तंज कसते हुए कहा कि "सीहोर वाला महाराज कड़क बोलता है, जिसको जो छापना है छापो. छापने वाला कितना भी छापे. आग लगे बस्ती में और अपन रहो मस्ती में. कब तक रोएंगे की यह बोल दिया वह बोल दिया, छाप दो जितना छापना है." बता दें कि महाकाल में दर्शन के दौरान भक्तों के कतारों को जल्दी-जल्दी निकालने के लिए पुलिसवाले खड़े होते हैं, उन्हीं के द्वारा भक्तों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है. इसी व्यवस्थाओं से नाराज होकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने पुलिसवाले पर गुस्सा निकाल दिया और इतनी सारी बातें कह डाली.

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