मध्य प्रदेश

madhya pradesh

आखिर क्यों आश्रमों में पसरा सन्नाटा? उज्जैन से 13 अखाड़ों के संत रवाना हुए प्रयागराज

By

Published : Sep 21, 2021, 12:14 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 8:27 PM IST

ujjain saints going to prayagraj

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज की प्रयागराज में हुई संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giri Maharaj Suspicious Death) के बाद ज्यादातर कार्यालयों में सन्नाटा पसरा है, ज्यादातर अखाड़ों के संत महाराज के अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज रवाना हो चुके हैं. उज्जैन से 13 अखाड़ों के संत प्रयागराज के लिए रवाना हो चुके हैं.

उज्जैन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महाराज नरेंद्र गिरी की प्रयागराज में हुई संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giri Maharaj Suspicious Death) के बाद अखाड़ा परिषद का नीलगंगा स्थित कार्यालय खाली पड़ा है क्योंकि सभी साधु-संत यहां से दिवंगत गिरी के अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज रवाना हो चुके हैं, वंही बड़नगर रोड स्थित निरंजनी अखाड़े में भी सन्नाटा पसरा है. उज्जैन के नीलगंगा अखाड़े की जमीन पर कुछ गुंडों ने कब्जा करने का प्रयास किया था, जिसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा उज्जैन कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर गुंडे संतोष के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी, जिस पर प्रशासन ने संतोष पर रासुका के तहत कार्रवाई कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था. करीब दो माह पहले कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण से जुड़ी जमीन पर कब्जा करने के प्रयास के चलते विवाद हुआ था.

आखिर क्यों आश्रमों में पसरा सन्नाटा?


संत, संपत्ति और साजिश का देवभूमि में रहा गठजोड़, अब तक 22 संतों ने गंवाई जान

नीलगंगा अखाड़ा परिषद के कार्यालय में फिलहाल इक्का-दुक्का संत ही नजर आ रहे हैं, करीब दो माह पहले नीलगंगा क्षेत्र की न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण से जुड़ी जमीन पर कब्जा करने के प्रयास के चलते विवाद हुआ था, इस मामले में जूना अखाड़ा के महंत के साथ मारपीट की गयी थी. अखाड़ा परिषद के कार्यालय के सामने की दो बीघा विवादित जमीन का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसके बावजूद शहर के कुख्यात अपराधी संतोष पिता शंकर राव कदम निवासी विवेकानंद कॉलोनी, ओमप्रकाश पिता बक्ष सिंह चौहान निवासी आदित्य नगर ने अखाड़े की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किय था. इस बात की सूचना जब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी को लगी तो तत्काल उन्होंने अपना एक वीडियो जारी कर प्रशासन को चेताया था, साथ ही प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से बात भी की थी, इसके बाद उज्जैन कलेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की थी. अखाड़े से जुड़े राहुल कटारिया बताते हैं कि नरेंद्र गिरी जी का असमय जाना बहुत बड़ी क्षति है, वे हमेशा पिता के रूप में सभी को आशीर्वाद और मार्गदर्शन देते थे. इधर जूना अखाड़े के संत देव गिरी ने बताया की हमेशा संतों को संबल देने वाले ऐसे संत विरले ही होते है और वे आत्महत्या जैसा काम नहीं कर सकते हैं, उनकी मौत एक साजिश है.

उज्जैन के संत प्रयागराज रवाना

अखड़ा परिषद कार्यालय के सामने की विवादित जमीन के लिए अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने सीएम को पत्र लिखने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखने की बात कही थी, आज 13 अखाड़ों के कई संत प्रयागराज रवाना हो चुके हैं, निरंजनी अखाड़े के संत अपने गुरु को अंतिम विदाई देने के लिए निकले हैं, निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर शांति स्वरूपानन्द जी ने बताया कि सिंहस्थ 2016 में कई जिम्मेदारियों को उन्होंने बखूबी निभाया था. कई फर्जी संतों पर कार्रवाई की और संतों के पक्ष में हमेशा खड़े रहते थे.

उज्जैन के संत प्रयागराज रवाना


अखाड़ा परिषद के महंत देवगिरि ने बताया कि अखाड़े के नीलगंगा कार्यालय की जमीन पर कुछ गुंडों ने कब्जा करने का प्रयास किया था जिसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उज्जैन कलेक्टर और एसपी से गुंडे संतोष के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी, जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए गुंडे संतोष पर रासुका के तहत कार्रवाई की और जेल पहुंचा दिया.


उज्जैन के चारधाम मंदिर से निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानंद ने घटना को निंदनीय बताया है और कहा कि इस पूरे मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए. वहीं महाकाल मंदिर में महानिर्वाणी अखाड़े के संत विनीत गिरी महाराज ने इस घटना को दुखद बताया है और कहा कि इस पूरी घटना की उत्तर प्रदेश सरकार निष्पक्ष जांच कराए.

Last Updated :Sep 21, 2021, 8:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details