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कांग्रेस के वायरल वीडियो पर संतों की नाराजगी, ये हमारे धर्म और सनातन संस्कृति के खिलाफ

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Published : Jun 6, 2023, 8:14 PM IST

मध्यप्रदेश के महाकाल लोक में आंधी में हुए नुकसान को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिस पर बीजेपी नेताओं और संत समाज ने नाराजगी जताई है.

MP Sant Samaj angry over viral video
कांग्रेस के वायरल वीडियो पर संतों की नाराजगी

कांग्रेस के वायरल वीडियो पर संतों की नाराजगी

उज्जैन। महाकाल नगरी अवंतिका उज्जैन में बीते दिनों आई आंधी के कारण महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की 6 प्रतिमाएं गिरकर खंडित हो गई थी. जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल है. मामले में कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. इसी बीच एक एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लेकर संत समाज काफी नाराज नजर आ रहा है. लिहाजा बीजेपी और संत समाज ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस के वीडियो में उज्जैन महाकाल लोक का जिक्र: दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि भगवान नारद मुनि कह रहे हैं 'नारायण-नारायण महाकाल लोक की ये दुर्दशा भोलेनाथ आपकी नगरी उज्जैन में क्या हो रहा है, जिस पर महादेव आक्रमक रूप में कहते हैं, मैं ये जानता हूं वहां क्या हो रहा है, जनता के रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं. अब कमलनाथ को लाना होगा. बस इसी वीडियो को लेकर संत समाज व भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई है. पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक पारस जैन ने कहा कि मुझे लगता है वीडियो देख कर कांग्रेस की मति मर गई है. इस प्रकार की बातें करने से ना जनता गुमराह होगी ना ही कांग्रेस पर कोई भरोसा करने वाला है. भगवान का नाम लेकर इस तरह प्रचार नहीं करना चाहिए. जनता के बीच जाकर बात रखनी चाहिए. भगवान महाकाल से प्रार्थना है कि कांग्रेस में भ्रम ना फैलाने कि चेतना जागृत करें.

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संतों ने जताई नाराजगी: क्रांतिकारी संत अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव और नारद जी का इस प्रकार से उपयोग व दुरुपयोग करना ये हमारे धर्म और सनातन संस्कृति के विरुद्ध है. बात भ्रष्टाचार की है तो आपके द्वारा लोकयुक्त में शिकायत हुई है, जांच चल रही है. पार्टी खुद जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि वीडियो बनाना ही था तो हनुमान जी की प्रतिमा का केक कमलनाथ द्वारा काटा गया, तब बनाते इस तरह से धर्म का मजाक ना बनाएं अगर धर्म का प्रचार करना ही है तो अपने मेनिफेस्टो में बात का उल्लेख करें. शैलेशानंदगिरी ने कहा कि राजनीति में हम गिरती हुई भाषा का स्तर देख रहे हैं. हमारे आराध्य देवो को भी राजनीति में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है. हमें इन सबसे दूर रहना चाहिए.

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