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Janmashtami 2022 उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी की धूम, भगवान कृष्ण ने 64 दिन में सीखीं 64 विद्याएं और 16 कलाएं

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Published : Aug 19, 2022, 1:00 PM IST

Ujjain Shri Krishna education place
उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी की धूम ()

उज्जैन के अंकपात क्षेत्र में स्थित गुरु महर्षि सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी की धूम है. रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया. भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक किया गया. इसके बाद भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया और भगवान की आरती उतारी गई . भगवान श्री कृष्ण ने उज्जैन में अपने भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ तपोनिष्ठ महर्षि सांदीपनि से धनुर्विद्या, अस्त्र मंत्रोपनिषद, गज एवं अश्वरोहण इत्यादि 64 विद्याएं और 16 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया था. उन्होंने यह सम्पूर्ण शिक्षा 64 दिन में प्राप्त कर ली थी.Janmashtami Ujjain Sandipani Ashram, Krishna learned 64 Vidyas Ujjain, Gomti Kund in Sandipani Ashram

उज्जैन।गुरु सांदीपनि अवंति के कश्यप गोत्र में जन्मे ब्राह्मण थे. वे वेद, धनुर्वेद, शास्त्रों, कलाओं और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रकाण्ड विद्वान थे. उज्जैन श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली होने से भक्तों में यहां विशेष उल्लास है. 11 वर्ष की आयु में यज्ञोपवीत के बाद ही श्रीकृष्ण सांदीपनि आश्रम में शिक्षा प्राप्त करने आये. भगवान कृष्ण और बलराम ने कम समय में ही विभिन्न कलाओं और शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त कर ली थी. भागवत, हरिवंश, ब्रह्म पुराण आदि ग्रंथों में सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने 64 दिन बिताए थे. इसलिए यहां का महत्व और बढ़ जाता है.

उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी की धूम

भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया :आश्रम में जन्माष्टमी के अवसर पर रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया. इसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत और कई श्रद्धालु शामिल हुए. डॉ. मोहन यादव ने भगवान कृष्ण का दूध, दही, घी से पंचामृत अभिषेक किया. इसके बाद भगवान कृष्ण और गुरु सांदीपनि की आरती उतारी.

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गोमती कुंड का विशेष महत्व :सांदीपनि आश्रम के पास गोमती कुंड स्थित है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने योगविद्या से पवित्र केंद्रों के सारे पानी की गोमती कुंड की ओर मोड़ दिया था ताकि गुरु संदीपनि को आसानी से पवित्र जल मिलता रहे. आज भी यह कुंड यहां स्थित है. भगवान श्रीकष्ण जब पट्टी (स्लेट) पर जो अंक लिखते थे, उन्हें मिटाने के लिए वे जिस गोमती कुंड में जाते थे, वह कुंड यहां आज भी है. अंकों का पतन अर्थात धोने के कारण है कि इस आश्रम के सामने वाले मार्ग को आज अंकपात के नाम से जाना जाता है. आश्रम में भगवान कृष्ण, बलदाऊ, उनके सखा सुदामा की बाल लीलाओं के चिह्न आज भी हैं. Janmashtami Ujjain Sandipani Ashram,, Krishna learned 64 Vidyas Ujjain, Gomti Kund in Sandipani Ashram

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