सिंगरौली। सिंगरौली जिले के एनसीएल के मजदूरों के द्वारा केंद्र सरकार के कोल इंडिया में 100 प्रतिशत FDI के फैसले के विरोध में सभी श्रमिक संगठनों ने एनएसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है,कई बार मंत्रालय लेवल पर बातचीत के बाद भी सरकार के सख्त रुख को भांपते हुए आखिरकार देश भर के कोयला श्रमिक केंद्रीय संगठन के आह्वान पर आंदोलन प्रदर्शन किया है,काम ठप्प कर दिया वही मालगाड़ी रोकने ,कोयला ढोने वाले वाहनों के चक्के रोक कर जबरदस्त हड़ताल शुरू कर दी है.
सिंगरौली में यूनियनों ने किया कोयला उत्पादन को बंद, 5 दिन की हड़ताल का किया ऐलान
सिंगरौली FDI के विरोध में लामबंद हुए सभी श्रमिक संगठन और मजदूर संघ ने शत प्रतिशत कोयला उत्पादन प्रभावित होने का दावा किया है वही नेहरू शताब्दी हॉस्पिटल में भी हड़ताल का व्यापक असर रहा , कोयला मालगाड़ी को भी श्रमिको ने रोका, सड़कों से कोयला ढुलाई करने वाले वाहनों के पहिये भी थम गऐ है. एनसीएल को 2 दिन में करोड़ो का नुकसान का अनुमान है
सरकार की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि भाजपा से जुड़ी हुई संगठन बीएमएस भारती मजदूर संघ भी हड़ताल में शामिल है ,यहीं नही सिर्फ बीएमएस ने 23 से 27 सितम्बर यानी 5 दिन के अकेले हड़ताल का एलान कर दिया है.
जिससे केंद्र सरकार के हाथ पांव फूल रहे हैं और अन्य संगठनों से एक कदम आगे बढ़ते हुए बीएमएस ने 5 दिन के हड़ताल की घोषणा कर एनसीएल प्रबन्धन और जिला प्रशाशन , पुलिस को भी पशोपेश में डाल दिया है . उधर एनसीएल प्रबन्धन कोयला उत्पादन पर असर को नकार रहा है, बहरहाल एनसीएल. में जारी हड़ताल से प्रबन्धन की नींद उड़ गई है
Body:दरअसल सिंगरौली जिले के एनसीएल के मजदूरों के द्वारा केंद्र सरकार के कोल इंडिया में 100 प्रतिशत FDI के फैसले के विरोध में सभी श्रमिक संगठनों ने एनएसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ,कई बार मंत्रालय लेवल पर बातचीत के बाद भी सरकार के सख्त रुख को भांपते हुए आखिरकार देश भर के कोयला श्रमिक केंद्रीय संगठन के आह्वान पर आंदोलन प्रदर्शन , कर काम ठप्प , कर दिया वही मालगाड़ी रोकने , कोयला ढोने वाले वाहनों के चक्के रोक कर जबरदस्त हड़ताल शुरू कर दी है
इस हड़ताल में सीटू , एटक , इंटक , आरसीएम एस, बी एम एस सहित तमाम संगठनों ने जॉइंट एक दिवसीय हड़ताल कर एनसीएल की निगाही , अमलोरी , जयंत , सी डब्लू एस, नेहरू हॉस्पिटल , दूधिचुआं , खड़िया , बीना , ककरी , झिंगुरद , गोरबी ब्लॉक B , समेत नार्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड के हजारों कर्मचारी हड़ताल में जाकर पूरी तरह से काम का बहिष्कार कर दिया । जिससे हड़ताल का व्यापक असर कोयला उत्पादन , कोयला डिस्पैच में हुआ , अनुमान लगाया जा रहा है कि करोड़ो का नुकसान हुआ है ।
सरकार की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि भाजपा से जुड़ी हुई संगठन बीएमएस भारती य मजदूर संघ भी हड़ताल में शामिल है , यहीं नही सिर्फ बीएमएस ने 23 से 27 सितम्बर यानी 5 दिन के अकेले हड़ताल का एलान कर दिया है और हड़ताल कर रही है जिससे केंद्र सरकार के हाथ पांव फूल रहे हैं । अन्य संगठनों से एक कदम आगे बढ़ते हुए बीएमएस ने 5 दिन के हड़ताल की घोषणा कर एनसीएल प्रबन्धन और जिला प्रशाशन , पुलिस को भी पशोपेश में डाल दिया है । उधर एनसीएल प्रबन्धन कोयला उत्पादन पर असर को नकार रहा है, बहरहाल एनसीएल. में जारी हड़ताल से प्रबन्धन की नींद उड़ गई है
बाइट 1- पवन कुमार
बाइट 2- राज कुमार सिंह
बाइट 3- श्री कमल शुक्ला. 4 विजुअल Conclusion: