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वैक्सीन के प्रति जागरूक करने आई टीम पर महिलाओं ने किया हमला

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Published : Apr 21, 2021, 7:47 AM IST

कोरोना वैक्सीनेशन जागरूकता अभियान के तहत छपारा जनपद पंचायत में गई स्वास्थ्य विभाग की टीम और जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी पर ग्रामीण महिलाओं ने डंडों से हमला कर दिया. ग्रामीणों में वैक्सीन के प्रति भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

Women attacked health department team
स्वास्थ्य विभाग टीम पर महिलाओं ने किया हमला

सिवनी।एक ओर सरकारें कोरोना के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम फैला हुआ है. भ्रम के कारण ग्रामीण वैक्सीनेशन करने आए स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला कर देते है. एक ऐसा ही मामला सिवनी जिले की छपारा जनपद से सामने आया है. यहां पर स्वास्थ्य विभाग और जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी पर ग्रामीण महिलाओं ने डंडों से हमला कर दिया. स्वास्थ्य विभाग की टीम और अधिकारी कोरोना वैक्सीन को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे थे.

स्वास्थ्य विभाग टीम पर महिलाओं ने किया हमला
  • भ्रम का है माहौल

सिवनी जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए वैक्सीनेशन शत-प्रतिशत करने के लिए समस्त विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई है. जो गांव-गांव पहुंचकर वैक्सीनेशन को लेकर ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं. वैक्सीन लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित कर रही हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

  • महिलाओं ने डंडे लेकर टीम को खदेड़ा

छपारा विकासखंड के गोरखपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले भेडकी ग्राम में स्वास्थ विभाग का अमला और ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत छपारा के कार्यपालन यंत्री नोडल अधिकारी पहुंचे. महिलाओं ने वैक्सीन लगाने से इनकार करते हुए हाथों में लट्ठ लेकर स्वास्थ्य टीम और पंचायत के अधिकारियों को खदेड़ दिया. ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन को लेकर आज भी भ्रम फैला हुआ है, जिससे आदिवासी महिलाएं वैक्सीन लगाने को तैयार नहीं है.

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  • अधिकारी कर्मचारियों को मिल रहे नोटिस

वैक्सीनेशन का लक्ष्य और प्रतिशत नहीं भरने को लेकर जिला पंचायत सीईओ ने छपारा जनपद के आधा दर्जन सचिवों को नोटिस जारी किया है. सीईओ ने सचिवों को आवेदन करने के आदेश भी दिए है. जमीनी अमले की माने तो अधिकारी ग्रामीणों को समझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. ग्रामीण उनकी सुनने को तैयार नहीं है. जिससे वैक्सीनेशन ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों के आक्रोश का सामना कर्मचारियों को करना पड़ रहा है.

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