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सीएम की सदन वाली 'साइकिल' पर सवार विधानसभा अध्यक्ष

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Published : Feb 27, 2021, 9:07 PM IST

Updated : Feb 27, 2021, 10:52 PM IST

विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं की खुद का अस्तित्व बनाने के लिए यह मांग की जा रही है.

Assembly Speaker Girish Gautam
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम

सतना। मध्य प्रदेश के बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम आज सतना पहुंचे, जहां उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अपना खुद का अस्तित्व बनाने के लिए यह मांग की जा रही है.

प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से विधानसभा के अंदर साइकिल की मांग की थी. इस वीडियो को सीएम शिवराज ने ट्वीट कर वायरल किया है, जिसमें कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर विधानसभा कार्यवाही का वीडियो वायरल करना नियम का उल्लंघन बताया है, तो वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह नियम का उल्लंघन नहीं है.

सवाल- विधानसभा कार्यवाही का वीडियो सीएम द्वारा ट्वीट कर वायरल किया गया.
जवाब- विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह नियम का उल्लंघन नहीं है. जैसे पत्रकारों को हम अंदर बैठने का मौका देते हैं, लाइव टेलीकास्ट तो हम नहीं करते, लेकिन लाइव कवरेज तो हम कराते हैं. इस तरह से हास्य परिहास जो होता हैं, उसमें कवर करते हैं. इसमें कौन सी बड़ी बात है. यह कोई बजट को लेकर या गवर्नर के कृतज्ञता जाहिर करने के लिए नहीं है. यह मुद्दा हास्य परिहास का है, इसलिए मैंने उस दिन भी कहा जब मैं धन्यवाद कर रहा था, अपने अध्यक्ष चुने जाने का, जब नेता प्रतिपक्ष और लोगों ने बधाई देकर समर्थन का भरोसा जताया. मैंने एक ही बात कही कि विधानसभा में कंप्यूटर नहीं फिट है. मनुष्य बैठे हुए हैं, हास्य परिहास होगा व्यंग होगा, लेकिन हमारी परंपराओं की सीमा होगी.

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से बातचीत

विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी कार्यालय पहुंचे गिरीश गौतम

सवाल- विंध्य प्रदेश की मांग मैहर विधायक द्वारा की जा रही हैं.
जवाब- विधायक मांग कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं. इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन एक चीज में जरूर करना चाहता हूं कि जो तथ्य है उसका सही मूल्यांकन नहीं किया जाता. आज जो लोग हीरो बनते हैं. विंध्य प्रदेश की मांग हम करते हैं यह पूरी तरीके से गलत है. विंध्य प्रदेश की असली मांग हुई थी सन् 1956 में. विंध्य प्रदेश के मर्जी के खिलाफ चलने वाला आंदोलन ही विंध्य प्रदेश की मांग थी. फर्क यह है कि उस समय कह रहे थे कि विंध्य प्रदेश बना रहे हैं. उसमें यह नहीं था कि विंध्य प्रदेश हमें लौटाओ. विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर गंगा चेताली जैसे लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी. विंध्य प्रदेश का आंदोलन तो सन् 1956 से चल रहा है. यह श्रेय लेने का प्रयोग क्यों हो रहा है ?

विंध्य प्रदेश बनें, इसके लिए एक ही संस्था, एक ही व्यक्ति, एक ही विचार नहीं है. बहुत सारे लोग इस तरह का आंदोलन कर रहे हैं. कोई आंदोलन सन् 1980 से कर रहा है, कोई सन् 1985 से कर रहा है. नारायण त्रिपाठी ने एक आरोप लगाया है कि विधानसभा में जब श्रीनिवास तिवारी अध्यक्ष थे, तब एक संकल्प आया था. अब उस संकल्प के अंदर आया था कि विंध्य प्रदेश बनें और विधानसभा में संकल्प पारित करके लोकसभा को केंद्र सरकार को भेज दें. नारायण त्रिपाठी ने आरोप लगा दिया कि संकल्प केवल पारित हुआ, लेकिन दिल्ली नहीं भेजा गया. इस तरह का आरोप करीब 7 दिन पहले लगाया गया. हालांकि मैं ऐसे दिखाता हूं कि संकल्प गया कि नहीं गया, लेकिन हमारा कहना यह है कि यह जिस तरह की मांग हो रही है. इसके लिए पूरे विंध्य प्रदेश की जनता को एक साथ होना पड़ेगा, लेकिन किसके नेतृत्व में हो यह क्या वाकई में विंध्य प्रदेश के लिए आंदोलन है ? यह क्या विंध्य प्रदेश चाहने का आंदोलन है ? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम अपना खुद का अस्तित्व बनाने के लिए यह आंदोलन करते हों.

सवाल- बजट को लेकर क्या राय हैं ?
जवाब- कोरोना महामारी के चलते बहुत सारी पस्थितियां खराब होने लगी है. मध्य प्रदेश सरकार यह प्रयास कर रही है कि कोरोना महामारी के बाद भी लोगों के कल्याण का काम बंद नहीं हों और मध्य प्रदेश के विकास का काम हों.

Last Updated : Feb 27, 2021, 10:52 PM IST

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