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Sagar News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक संसद का आयोजन, स्कूली छात्रों ने किया संस्कृत में विमर्श

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 10:22 AM IST

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक संस्थानों में अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सागर के डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त आयोजन में " भारतीय ज्ञान परंपरा - वैदिक गणित और चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास " विषय पर अभिमंच सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें स्कूली छात्रों ने वैदिक संसद का आयोजन किया.

Vedic Parliament organized
हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक संसद का आयोजन

हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक संसद का आयोजन

सागर।सागर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में वैदिक गणित की विधियों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी गई और उसके महत्व के बारे में बताया. कार्यक्रम के दौरान गुरुकुल सा माहौल नजर आया. तकनीकी सत्र में वर्गमूल, घन और घनमूल की वैदिक विधियों पर मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. अनुराधा गुप्ता ने बताया कि अविष्कार की यात्रा आवश्यकता से शुरू होती है. दैनिक दिनचर्या के कामों में वर्ग की आवश्यकता को देखते हुए गणितज्ञों ने वर्ग की उत्पत्ति की.

वैदिक गणित पर चर्चा :उन्होंने बताया कि वैदिक गणित में विभिन्न संप्रत्ययों यथा द्विगुणित प्रविधि, विलोकनम प्रविधि, सामान्य प्रविधि आदि का प्रयोग करके किसी भी संख्या का वर्ग, वर्गमूल, घन एवं घनमूल आसानी से निकाला जा सकता है. मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. श्रीराम चौथाईवाले ने "महान गणितज्ञ कैपरेकर के दो सिद्धांतों की खोज" विषय पर व्याख्यान दिया. जिसमें उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य में वैदिक गणित की विधियों की प्रासंगिकता को सिद्ध करते हुए विद्यार्थियों वैदिक गणित के प्रयोग के लिए प्रेरित किया.

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बच्चों ने किया वैदिक संसद में शास्त्रार्थ :कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में वैदिक संसद का आयोजन किया गया, जिसमें सागर शहर के स्कूल के छात्र छात्राओं ने संस्कृत में वैदिक चर्चा की. पंडित रविशंकर शुक्ल उ.मा. विद्यालय सागर के विद्यार्थियों ने 'आत्मत्व के स्वरूप पर वाचन', 'ईश्वर’, चरित्र निर्माण', 'धर्म का स्वरूप' तथा 'कर्म' पर चर्चा की गई. स्कूली बच्चों ने संस्कृत की ऋचाओं का भावपूर्ण तरीके से वाचन किया. केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों ने 'वैदिक धर्म में आत्मा की एकता', 'वैदिक सभ्यता', 'वैदिक संस्कृत' और महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय सागर की छात्राओं ने 'प्रज्ञा', 'आत्मा' विषय पर प्रस्तुति दी. इसके बाद संस्कृत विभाग के शोध छात्रों ने बटुक की भूमिका में वेद ऋचाओं का पाठ किया.

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