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1100 साल पुराने सूर्य मंदिर को संवारने की तैयारी, जानें खासियत?

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Published : Apr 6, 2021, 4:08 AM IST

Updated : Apr 13, 2021, 9:46 PM IST

Sun temple

जिले के रेहली नगर में 1100 साल पुराना चंदेल कालीन सूर्य मंदिर है और यह देश का ऐसा इकलौता मंदिर है, जो कर्क रेखा पर स्थित है. सरकार अब इस ऐतिहासिक धरोहर को सजाने और संवारने के लिए विशेष प्रयास कर रही है.

सागर। बुंदेलखंड अपनी ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों के लिए विश्वभर में मशहूर है. बुंदेलखंड में खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, ओरछा में भगवान राम का दरबार है. इसी तरह के ऐतिहासिक धरोहर बुंदेलखंड को प्राचीन कीर्ति और वैभव का आभास कराते हैं. जिले के रेहली नगर में 1100 साल पुराना चंदेल कालीन सूर्य मंदिर है और यह देश का ऐसा इकलौता मंदिर है, जो कर्क रेखा पर स्थित है. भारत सरकार अब इस ऐतिहासिक धरोहर को सजाने और संवारने के लिए विशेष प्रयास कर रही है.

सूर्य मंदिर
  • 5 एकड़ में बन रहा पार्क

रेहली में सुनार और देहर नदी के संगम पर बने 1100 साल पुराने इस मंदिर के नजदीक 5 एकड़ में पार्क बनाया जा रहा है. जो मंदिर परिसर की खूबसूरती पर चार चांद लगाएगा. इसके अलावा सरकार मंदिर में पर्यटकों के लिए भी कई प्रकार के इंतेजाम कर रही है, जिससे कि लोग अधिक से अधिक मात्रा में इस मंदिर के दर्शन कर सकें.

सूर्य मंदिर
  • जानिए क्या खासियत है रेहली के सूर्य मंदिर की

1. रेहली की सुनार नदी के तट पर स्थित है इस सूर्य मंदिर की स्थापना 10 वीं शताब्दी में चंदेल वंश के राजा द्वारा की गई थी. यह लगभग 1100 साल पुराना मंदिर है.

2. यह देश का एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है, जो कर्क रेखा पर स्थित है, अर्थात मंदिर के दाएं तरफ दक्षिण और बाएं तरफ से उत्तर दिशा है.

3.नदी के तट पर स्थित यह मंदिर पूर्व मुखी है. सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें सीधे मंदिर पर पड़ती हैं.

4. यह मंदिर रेहली में सुनार और देहार नदी के संगम पर स्थित है. मंदिर स्थापित कला शहतीर कला में बना हुआ है.

5.मंदिर में स्थित भगवान सूर्य की प्रतिमा सात घोड़ों के रथ पर सवार है. सूर्य 7 वर्णों के प्रतीक के साथ अश्व पर सवार हैं. इस प्रतिमा के साथ सूर्य की दो पत्नियां भी हैं. दाएं-बाएं कुबेर और विष्णु की प्रतिमा भी स्थापित है. महाश्वेता देवी अभय मुद्रा में हैं और त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति भी विराजमान है.

  • 2012 सूर्य भगवान की मूर्ति चोरी

2012 में सूर्य मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य की 1100 साल पुरानी प्रतिमा तस्करों के निगाह में चढ़ गई थी. तस्करों ने भगवान सूर्य की मूर्ति काटकर चोरी कर ली थी. जिसके बाद 3-4 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद यूपी में मूर्ति तस्करों के ठिकाने से यह मूर्ति मिली थी.

Last Updated :Apr 13, 2021, 9:46 PM IST

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