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स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल, नसंबदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया

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Published : Nov 30, 2019, 1:53 PM IST

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील के अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं को बेड ना होने की वजह से ऑपरेशन के बाद खुले बरामदे में ही लिटा दिया गया.

women lying in the open
अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार

राजगढ़।जिले के खिलचीपुर तहसील अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन कराने आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड भी नसीब नहीं हुआ और उन्हे जमीन पर ही खुले बरामदे में लिटा दिया गया. ऑपरेशन के 4 से 8 घंटों बाद उन्हें डिस्चार्ज कर घर भेजा गया.

अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार

दर्द से तड़पती रहीं महिलाएं
ऑपरेशन कराने आई महिलाएं और उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल के वार्डों में पलंग की सुविधा नहीं की गई थी और लगभग सभी महिलाओं को नीचे फर्श पर ही लिटाया गया था. अव्यवस्था के बीच मची अफरा-तफरी में कई महिलाएं दर्द से जमीन पर ही कराहती रही.

स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास लक्ष्य पूरा करने का दबाव
सरकार के परिवार नियोजन का लक्ष्य निर्धारित किए जाने के बाद महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर भारी दबाव रहता है ताकि वो अपने लक्ष्य को समय सीमा में पूरा कर सकें. इसे लेकर काफी मशक्कत के बाद इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं नसबंदी ऑपरेशन कराने के लिए आई थी लेकिन यहां की अव्यवस्था के चलते उन्हे परेशान होना पड़ता है.

स्वास्थ्य विभाग पर खड़े हो रहे हैं सवाल
जहां सरकार चिकित्सा सुविधाओं और परिवार नियोजन पर काफी खर्च करती है और लगातार लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए उन तक संदेश पहुंचाती है. वहीं जब परिवार नियोजन के लिए महिलाएं जब अस्पताल पहुंचती है और तो उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलीत.

Intro:कब सुधरेगी जिला के अस्पतालों की व्यवस्थाएं, खिलचीपुर में एलटीटी के ऑपरेशन के बाद खुले में जमीन पर लेटाया महिलाओं को



Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में दूरदराज ग्रामीण अंचल सहित नगरीय क्षेत्र की महिलाओं ने अपने-अपने एलटीटी ऑपरेशन खिलचीपुर अस्पताल में करवाने के लिए आई हुई थी महिला ऑपरेशन होने के बाद महिलाओं को खिलचीपुर अस्पताल में बेड भी नसीब नहीं हो पाया और उन्हें ठंडी जमीन पर ही खुले बरामदे में लेटा दिया गया, और वे वहां पर लगातार चार से 8 घंटे में ही पर लेटी रही और जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर के घर भेजा गया।

आपको बता दे कि सरकार द्वारा परिवार नियोजन का लक्ष्य निर्धारित किए जाने के बाद महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर भारी दबाव रहता है, कि वह अपने- अपने लक्ष्य की पूर्ति समय सीमा में कर दें। इसको लेकर काफी मशक्कत के बाद इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं एलटीटी ऑपरेशन कराने के लिए आईं थी। लेकिन यहां आकर अव्यवस्था और उपेक्षा का शिकार होने से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ऑपरेशन कराने आई महिलाओं एवं उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल के वार्डों में पलंग की सुविधा नही की गई थी और लगभग सभी महिलाओं को नीचे फर्श पर ही लेटाया गया था। अव्यवस्था के बीच मची अफरा-तफरी में कई महिलाएं दर्द से जमीन पर ही कराहती रही, और लगातार इंसानियत को तार-तार करती हुई, यहां घटना महिलाओं को मजबूरन जमीन पर ही दरी के ऊपर लेटना पड़ा ।

Conclusion:वहीं जब इस बारे में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ के. के. श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही है और चेतावनी पत्र तुरंत जारी किया है

वहीं जहां केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार चिकित्सा सुविधाओं पर और परिवार नियोजन पर काफी रुपए खर्च करती है और लगातार लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के लिए उन तक संदेश पहुंचाती है कि उनको परिवार नियोजन करना चाहिए वही जब महिलाएं परिवार नियोजन के लिए अस्पताल में पहुंचती है और अगर उनको ऐसी सुविधाएं मिलती है तो फिर कैसे सरकार की मंशा पूरी हो पाएगी और वही जहां सरकार करोड़ों रुपए इस योजना को पूरा करने के लिए चिकित्सा विभाग को देता है ,परंतु ऐसी असुविधा ना सिर्फ मरीजों को परेशान करती है बल्कि उनके आने वाले जीवन पर भी यहाँ एक खतरा साबित हो सकती है क्योंकि ऑपरेशन के बाद इंसान के शरीर को रिकवरी के लिए काफी अच्छी सुविधाओं की जरूरत होती है परंतु ऐसे फर्श पर ठंड से लेकर कीड़े मकोड़ों तक का डर रहता है जो शरीर को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचा सकते हैं।

विसुअल

जमीन पर लेटी महिलाएं
दर्द से कह रहा थी महिलाएं


बाइट

महिलाओं के परिजन की
डॉक्टर के के श्रीवास्तव जिला चिकित्सा अधिकारी

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