पन्ना| बिल्हेटा गांव में एक अति कुपोषित बच्चा मिलने से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. दस्तक अभियान के तहत हुए सर्वे में मिले इस अतिकुपोषित बच्चे को जब प्रशासन ने एनआरसी में भर्ती करने का प्रयास किया तो उसके परिजनों ने उसे एनआरसी में भर्ती करवाने से मना कर दिया. परिजनों का कहना था कि एक साल पहले बच्चे को अमंगन एनआरसी में भर्ती कराया गया था, लेकिन शासन से पोषण आहार के लिए मिलने वाले 1400 रुपए दिए जाते हैं, वो उन्हें नहीं मिले.
अतिकुपोषित बच्चा मिलने से सूखे प्रशासन के हलक, अस्पताल पहुंच कलेक्टर ने की परिजनों से मुलाकात
पन्ना के बिल्हेटा गांव में अति कुपोषित बच्चा मिलने से प्रदेश में हड़कंप मचा है. बच्चे को पन्ना एनआरसी के भर्ती करवाया गया है. जिला चिकित्सालय पहुंचकर कलेक्टर ने बच्चे के परिजनों से मुलाकात की.
समाजसेवा-कुपोषण के लिए काम करने वाले यूसुफ बेग और देवेंद्र नगर बीएमओ ने परिजनों को समझाकर बच्चे को पन्ना एनआरसी के भर्ती करवाया गया है. जब इसकी जानकारी पन्ना कलेक्टर को लगी तो उन्होंने जिला चिकित्सालय पहुंचकर बच्चे के परिजनों से मुलाकात की.
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि डोर टू डोर जाकर कुपोषित बच्चों का सर्वे कराया जा रहा है. कुपोषित बच्चों और उनके परिजनों को पोषण आहार के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कृषि विकास, महिला एवं बाल विकास सहित अन्य विभागों से जोड़ा जाएगा. आंकड़े के अनुसार पन्ना जिले में 1750 अतिकुपोषित बच्चे और 20 हजार मध्यम कुपोषित बच्चे हैं.
Body:एंकर :- समाजसेवी और कुपोषण के लिए काम करने वाले यूसुफ बेग ओर देवेंद्रनगर बीएमओ के द्वारा बच्चे के परिजनों को समझा कर बच्चे को पन्ना एनआरसी के भर्ती करवाया गया। जब इसकी जानकारी पन्ना कलेक्टर को लगी तो उनके द्वारा तत्कात ही जिला चिकित्सालय पन्ना पहुच कर बच्चे के परिजनों से मुलाकात की ओर कुपोषित अकाश को गोद लेते हुए उसे ओर उसके परिजनों की हर संभव मदद करने की बात कही।
Conclusion:बीओ :- 1 कलेक्टर पन्ना ने बताया कि डोर टू डोर सर्वे कर कर कुपोषित बच्चो का सर्वे कराया जा रहा है कुपोषित बच्चो ओर उनके परिजनों को पोषण आहार के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कृषि विकास, महिला बाल विकास सहित अन्य विभागों के जोड़ा जाएगा और उन्हें योजनाओ का लाभ भी दिलाया जाएगा। आंकड़े के अनुसार पन्ना जिले में 1750 अतिकुपोषित बच्चे और 20 हजार माध्यम कुपोषित बच्चे है ।