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कांग्रेस हुई क्वारंटीन, आने वाले 100 सालों तक नहीं उबर पाएगी -सिंधिया

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Published : Jul 5, 2021, 7:35 AM IST

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मालवा दौरे पर सिंधिया ()

बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मालवा के दौरे पर हैं. नीमच में उन्होंने कोरोना पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में बीजेपी ने तन-मन-धन से पीड़ितों की मदद की, जबकि कांग्रेस का कोई भी नेता और कार्यकर्ता नजर तक नहीं आए.

नीमच। कांग्रेस क्वारंटीन हो चुकी है, वो सिर्फ ट्विटर तक सीमित हो गई है. ये कहना है राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया पहली बार मालवा के दौरे पर पहुंचे. नीमच में वे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले. सिंधिया सबसे पहले कोरोना से दिवंगत भाजपा कार्यकर्ताओं के घर पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों को सांत्वना दी.

कांग्रेस हुई क्वारंटीन-सिंधिया

मालवा दौरे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया

सिंधिया पहले राजस्थान के उदयपुर एयरपोर्ट आये. यहां से वे सड़क मार्ग से नीमच पहुंचे. जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता सहित भाजपा नेताओं के उनकी अगवानी की. भाजपा में शामिल होने के करीब ढाई साल बाद सिंधिया मालवा के दौरे पर पर पहुंचे. इससे पहले वह 2018 विधानसभा चुनाव में यहां आए थे. राजनीतिक दृष्टि से मालवा को सिंधिया का दूसरा गढ़ माना जाता है. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य कोरोना से दिवंगत हुए लोगों के परिवारजनों को सांत्वना देना है.

'कोरोना में कांग्रेस क्वारंटीन हो गई'

ज्योतिरादित्य सिंधिया नीमच शहर में कोरोना से दिवंगत 5 लोगों के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पर गए. सिंधिया ने कि मैं तुम्हारे सुख में भले ही साथ नहीं रहा हूं, लेकिन हर दुख में तुम्हारे साथ हूं. कोरोना पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद सिंधिया ने मीडिया से भी चर्चा की . सिंधिया ने कहा कि कोरोना काल में बीजेपी ने जिस तरह से लोगों की मदद की, उसकी दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है. सिंधिया ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी हमला बोला. सिंधिया ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान ना तो कांग्रेस का कोई नेता दिखा, ना ही कार्यकर्ता. कांग्रेस क्वारंटीन हो गई है. ये सिर्फ ट्विटर पर भी नजर आती है. ऐसे में जनता कांग्रेस को जरूर जवाब देगी.

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'मैं सुख में ना सही, दुख में हमेशा आपके साथ'

सिंधिया ने कहा कि जो लोग बिछड़ चुके हैं उन का दुख बांटना सिधिया परिवार का धर्म है. मालवा के हर जिले में मैं जा रहा हूं. ग्वालियर-चंबल के बाद मालवा को सिंधिया का दूसरा गढ़ माना जाता है. यहां एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर सिंधिया का प्रभाव माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद वे पहली बार मालवा आए हैं.

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