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गर्मी की शुरुआत में सूखी क्वारी नदी, नेताओं ने जताई चिंता

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Published : Apr 19, 2021, 7:47 PM IST

एमपी के मुरैना में गर्मियों का दौर शुरू होते ही कई इलाकों में पानी की समस्या शुरू हो जाती है. क्वारी नदी में पानी नहीं छोड़े जाने से आसपास के इलाकों में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में चंबल क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी नदी क्वारी नदी भी अब सूख चुकी है.

quarry river
क्वारी नदी

मुरैना। जिले में गर्मियों का दौर शुरू हो चुका है. इसी के चलते अब कई इलाकों में पानी की समस्या भी सामने आने लगी है. जिले की कई नदियां सूख गई हैं. वहीं क्वारी नदी में पानी नहीं छोड़े जाने से आसपास के इलाकों में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में चंबल क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी नदी क्वारी नदी भी अब सूख चुकी है. इलाके के लोगों की माने तो अगर नहरों में छोड़े जाने वाला पानी में से कुछ पानी अब नदी में छोड़ा जाए तो इससे क्षेत्र के पशु पक्षियों को तो राहत मिलेगी ही, इसके साथ ही वाटर लेवल बढ़ने से लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध हो सकेगा.

क्वारी नदी के सूखने पर दोनों दलों के नेताओं ने जाहिर की चिंताएं.

गर्मी शुरू होते ही क्वारी नदी सूखी
मुरैना जिले में चंबल नदी के बाद बड़ी नदी क्वारी नदी है, जो जिले के सैकड़ों गांवों से होकर गुजरती है. भीषण गर्मी की शुरुआत के समय ही इन इलाकों में पानी का गहरा संकट मंडराने लगा है. वाटर लेवल भी नीचे जा चुका है. ऐसे में ग्रामीणों की मांग है कि इस नदी पर डैम बनाया जाए, जिससे बारिश का पानी रुक सके.

दोनों दलों के नेता चिंतित
क्वारी नदी के सूखने की बात को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के ही नेता चिंतित हैं. उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया है कि अगर समय-समय पर बड़ी नहर से थोड़ा-थोड़ा पानी नदी में छोड़ा जाए. तो इससे इलाके के लोगों और पशु पक्षियों को बड़ी राहत मिलेगी. इस संबंध में दोनों दलों के नेता जल संसाधन मंत्री से बात करने की कह रहे हैं.

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नदी से पंपों द्वारा सिंचाई करते हैं किसान
क्वारी नदी की धार लगभग हर गर्मी के मौसम में टूट जाती है. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि हर जगह ग्रामीण इलाकों से होकर ही बहती है. ऐसे में किसान रबी सीजन की फसलों में पानी देने के लिए नदी से सीधे ही पंपों से पानी देते हैं. नदी पर इंजन रखकर खेतों की सिंचाई की जाती है. ऐसे में जगह-जगह पंप रखे होने से इसकी धार में और कमी आ जाती है. आगे चलकर ये गर्मी के सीजन में सूख ही जाती है. जिसमें रामपुर कलां के आसपास के गांव, मुरैना क्षेत्र के गांव और पोरसा इलाके के पास तक ये पूरी तरह से ही सूख जाती है.

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