मंदसौर/भोपाल। मंदसौर शराब कांड की जांच के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने SIT जांच की घोषणा कर दी है. इसके लिए सरकार ने 3 सदस्यीय दल बनाया है. गृह विभाग के एसीएस राजेश राजौरा को SIT का अध्यक्ष बनाया गया है. उनके अलावा ADG जीपी सिंह, आईजी रेल एमएस सिकरवार को सदस्य बनाया गया है. इस मामले में 6 लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है. जबकि मंदसौर कलेक्टर ने सिर्फ 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
आबकारी अधिकारी का तबादला
इस मामले में अब जिला आबकारी अधिकारी सीपी सांवले का तबादला भी कर दिया गया है. मंदसौर पुलिस ने जहरीली शराब बेचने के आरोपी खखरई गांव के पिंटुसिंह को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं दो आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं. रतलाम रेंज आईजी सुशांत सक्सेना के निर्देश पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने पुलिस की दो अलग-अलग टीमें बनाई है. यह टीमें अवैध शराब के ठिकानों पर दबिश देकर कार्रवाई कर रही है.
एक आरोपी गिरफ्तार, दो की तलाश जारी कांग्रेस का जांच दल कर रहा है जांच
मध्य प्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र में ही जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि कांग्रेस इस मामले में 11 लोगों की मौत का दावा कर रही है. जबकि कलेक्टर ने सिर्फ 4 लोगों की मौत होने का दावा किया है. कांग्रेस की जांच टीम ने गांवों में जाकर पीड़ित परिवारों से मिलकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
मंदसौर कलेक्टर के मुताबिक खखरई गांव के 3 और पिपलियामंडी के 1 युवक की मौत हुई है. 5 लोगों का इलाज अभी भी जारी है. इस मामले में जहां मंदसौर जिला आबकारी अधिकारी सीपी सांवले का उज्जैन तबादला कर दिया गया है. सीपी सांवले को उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता उज्जैन बनाया गया है, वहीं नीमच के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी अनिल सचान को मंदसौर के जिला आबकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इस मामले में 3 अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. पिपलियामंडी थाना प्रभारी, एक एसआई और आबकारी के उपनिरीक्षक को सस्पेंड किया जा चुका है.
मंदसौर में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 6 हुई, सीएम ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
सीएम शिवराज ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मंदसौर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कड़ी नाराजगी जताई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कैबिनेट बैठक के बाद मंदसौर की घटना को लेकर पुलिस और आबकारी विभाग के आला अधिकारियों को तलब किया. सीएम ने ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए भोपाल से अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए थे. इसके बाद जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है.