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Reality Check: मंदसौर में जहरीली शराब ने ली 11 जान, सरकारी फाइल में सिर्फ चार मौत

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Published : Jul 28, 2021, 8:22 AM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:36 AM IST

Mandsaur Poisonous Liquor Scandal

जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में प्रशासन के आंकड़े और हकीकत में काफी फर्क नज़र आ रहा है, एक ओर जहां प्रशासन 4 लोगों के मौत की पुष्टि कर रहा है, तो वहीं कांग्रेस अब 11 लोगों की मौत की बात कह रही है,

मंदसौर।जहरीली शराब मामले में ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया, जिसमें यह बात सामने आई है कि शराब पीने से कुछ ऐसी मौतें भी हुई हैं, जिनका परिजनों के द्वारा मांग करने के बावजूद भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया, वहीं दुखद बात यह सामने आई है कि एक ही मोहल्ले के जिन तीन दोस्तों ने ढाबे पर बैठकर शराब का पी थी, उन तीनों की भी एक के बाद एक मौत हो गई है, लेकिन प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया है.प्रशासन शराब पीने से 4 मौत होने का दावा कर रही है, लेकिन असल में आंकड़े इससे दोगुने हैं.

मंदसौर जहरीली शराब कांड

मन्दसौर में 25 और 26 जुलाई को शराब पीने से हुई तीन की मौत के बाद और उससे पहले शराब पीने से तबीयत बिगड़ने से कई केस मन्दसौर पहुंचे थे, इनमें से एक व्यक्ति का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था, तो वहीं 3 निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे रहे थे, जिनकी हालत बेहद गंभीर थी, इसी बीच अन्य लोगों की भी शराब पीने से मौत की खबरें सामने आ रही थी.

खकराई गांव में हुई पहली मौत

सबसे पहली मौत 24 जुलाई को खकराई गांव के मनोहर बावरी की हुई थी. उसके बाद अगले दिन 25 जुलाई को खकराई के ही श्यामलाल और घनश्याम ने भी दम तोड़ दिया, प्रशासन ने इन तीनों मौतों को आंकड़ों में शामिल कर लिया, लेकिन इस बीच उसी दिन ग्राम गुड़भेली के रामप्रसाद गायरी की भी मौत हो गई, रामप्रसाद गायरी के परिजनों की मानें तो उन्होंने 24 जुलाई को पिपलियामंडी की एक देशी शराब दुकान से शराब लाकर पी थी.

जिसके बाद सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई, आनन- फानन में रामप्रसाद को पिपलिया से मन्दसौर सरकारी अस्पताल रेफर किया गया, जहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने रामप्रसाद की मौत की पुष्टि की, परिवारजनों के अनुसार जब उन्होंने पोस्टमार्टम की मांग की, तो वहां मौजूद चिकित्सक ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि, इनकी मौत शराब पीने से शरीर में बने पॉइज़न की वजह से हुई है, इसलिए पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं है.

पिपलियामंडी इलाके में दूसरी मौत

दूसरी मौत का मामला पिपलियामंडी क्षेत्र से सामने आया है, जहां गोपाल नायक नाम के व्यक्ति की शराब पीने से तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उसे मन्दसौर जिला अस्पताल लाया गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई, परिजनों के अनुसार गोपाल नायक और उसके दो दोस्त ब्रजेश गुर्जर और अनिल कैथवास ने साथ में 25 जुलाई की शाम को एक ढाबे में बैठकर शराब पी थी.

जिसके बाद अगले दिन 26 जुलाई की सुबह गोपाल नायक की तबीयत बिगड़ने लगी, ज्यादा तबीयत बिगड़ने के बाद जब उसे मन्दसौर लाया गया, तो जिला अस्पताल में कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई. बड़ी बात यह है कि मृतक गोपाल नायक ने जिन दो दोस्तों के साथ शराब पी थी, उन दोनों की मौत भी हो चुकी है, जिससे जहरीली शराब से मौत की आशंका और बढ़ गई है.

शराब पीने से तीसरी मौत

तीसरा मामला मृतक गोपाल नायक के दोस्त और साथ बैठकर शराब पीने वाले अनिल कैथवास का है, अनिल मजदूरी और ड्राइवरी करता था, जिसे फिलहाल जिला प्रशासन ने आंकड़ों में नहीं जोड़ा है, अनिल कैथवास के परिजनों की मानें तो अनिल ने 25 जुलाई की शाम गोपाल और ब्रजेश के साथ बैठकर शराब पी थी, जिनकी भी मौत हो चुकी है, 26 जुलाई को उसकी भी तबीयत बिगड़ी और आंखों की रोशनी भी चली गई थी, जिसके बाद 27 जुलाई की सुबह इसने भी दम तोड़ दिया.

पिपलियामंडी में चौथी मौत

जहरीली शराब पीने से चौथी मौत पिपलियामंडी के ही रहने वाले ब्रजेश गुर्जर की हुई, यह मृतक गोपाल और मृतक अनिल का वह मित्र था, जिसने साथ में बैठकर शराब पी थी, ब्रजेश गुर्जर की तबीयत भी ज्यादा बिगड़ने के बाद उसे मन्दसौर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां ज्यादा हालत बिगड़ने पर उसे उदयपुर रेफर किया गया था. लेकिन 26 जुलाई की रात 3 बजे इसकी भी मौत हो गई.

प्रशासन ने चौथी मौत के रूप में इसी मामले की पुष्टि की है, लेकिन इसके नाम मौत के आंकड़ों में नहीं जोड़ा गया, जो इसके मित्र थे, ब्रजेश गुर्जर का परिवार गमगीन है, उनकी बेटियां अपने पिता को खोने के बाद से अब सरकार से जहरीली शराब के खिलाफ कड़ा फैसला लेने की मांग कर रही है, उनका कहना है कि किसी और के साथ ऐसा ना हो, इसलिए सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए.

जहरीली शराब से मौत होने के बाद मृतकों के परिजनों में आक्रोश है, तो वहीं तीन दोस्तों की शराब पीने से हुई मौत का अफसोस भी है, प्रशासन द्वारा ब्रजेश की मौत की पुष्टि करने के बाद गोपाल और अनिल का भी पीएम करवाया गया है, लेकिन मौत की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, बड़ी बात यह है कि सोमवार शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक इन तीनों दोस्तों की एक बाद एक मौत हो गई थी, जिसके बाद तीनों का अंतिम संस्कार भी एक साथ किया गया है.

जहरीली शराब से मौत का मामला: कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर उठाए सवाल, उच्च स्तरीय जांच की मांग

कांग्रेस नेताओं की मानें तो पूरे मामले में और भी लोगों की जान गई है, जिसमें पिपलिया के गोवर्धन सिंह के साथ सिंडपन के कंवरलाल और भेसाखेड़ा के मदन लाल का नाम शामिल है, प्रशासन द्वारा इनकी मौत को भी अब तक आंकड़ों में नहीं जोड़ा गया है, मामले में स्थानीय कांग्रेस नेता और मंत्री जगदीश देवड़ा के सामने पूर्व में चुनाव लड़े श्यामलाल जोकचंद ने मामले में 11 मौते होने का दावा किया है.

जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत-कांग्रेस

कांग्रेस नेता श्यामलाल जोकचंद का कहना है कि उन्होंने 11 मृतकों की सूची जिला कलेक्टर को भेजी है, उन्होंने ये भी कहा है कि वो जांच करा लें, श्यामलाल जोकचंद ने मामले में जांच के लिए बनाई गई एसआईटी को लेकर भी प्रश्न उठाए हैं, उनका कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान एसआईटी का गठन किया गया था, जो भी ऊंट के मुंह मे जीरे जैसा था, किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. श्यामलाल जोकचंद ने आरोप लगाए हैं कि यह बस लोगों को बचाने के लिए लीपापोती का काम कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.


"कांग्रेस ने इन सभी 11 मृतकों की सूची की जारी"

1.श्यामलाल पिता मोड़ीराम मेघवाल, खकराई

2.घनश्याम पिता रायसिंह बावरी, खकराई

3.मनोहरपिता लक्ष्मण बागरी, खकराई

4.गोर्धनसिंह पिता उमरासिंह राजपूत,पिपलीया मंडी

5.रामप्रसाद पिता नारायण गायरी, गुडभेली बड़ी

6.कवंरलाल पिता मोहनलाल बागरी, सिंदपन

7.भागीरथ पिता कंवरलाल बागरी, महागड़

8.लाला कैथवास पिपलीया, मंडी

9.ब्रजेश गुर्जर पिपलीया, मंडी

10.गोपाल नायक पिपलीया, मंडी

11.मदन पिता सवाजी बंजारा, भेसाखेड़ा

आबकारी मंत्री को देना चाहिए इस्तीफा- दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में अवैध शराब को लेकर ट्वीट किया है, उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि एमपी में अवैध शराब का धंधा पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में चलता है और करोड़ों की रिश्वत प्रति माह वसूली जाती है, क्या आबकारी मंत्री जी को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध शराब के धंधे की जानकारी नहीं थी? क्या यह संभव है? क्या मंत्री जी को इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए?

Last Updated :Jul 28, 2021, 10:36 AM IST

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