इंदौर। सियासत में यू तो बीजेपी और कांग्रेस नेताओं में एक दूसरे पर निशाना साधना आम बात है. लेकिन जब मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय एक दूसरे पर निशाना साधते हैं तो सूबे का सियासी पारा हाईलेवल पर पहुंच जाता है. एक बार फिर ऐसा ही हुआ. जब सज्जन सिंह वर्मा ने विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शेर का लिबास पहनने से गीदड़ शेर नहीं हो जाते.
आकाश विजयवर्गीय पर सज्जन सिंह वर्मा का पलटवार, 'शेर का लिबास पहनने से गीदड़ शेर नहीं हो जाते'
मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया है. वे चाहे तो हमारे घर से किसानों की लिस्ट ले जा सकते हैं.
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि आकाश विजयवर्गीय अपने पिता द्वारा मजदूरों के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार का पैसा किसानों को दें. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने 21 लाख किसानों का कर्जा माफ किया है. आकाश को अपने पिता से कहना चाहिए कि वे हमारे घर आकर लिस्ट ले जाएं.
मंत्री वर्मा ने कहा कि वह भी अहिल्या बाई की नगरी इंदौर में रहते हैं और विजयवर्गीय भी वहीं रहते हैं. जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है. वे अपने गिरेबां में झांके और जिन मिल मजदूरों के नाम राजनीति करके आगे बढ़े हो पहले उनका पैसा लौटाओ. कमलनाथ सरकार ने 21 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है और साढे़ बारह लाख किसानों कि लिस्ट तैयार है. अपने पिता से कहना घर आकर ले जाएं. कर्ज माफ करने के लिए सरकार वचनवद्ध है. इनकी धमकियों से कोई फर्क नहीं पड़ता. हाल ही में आकाश विजयवर्गीय ने बयान दिया था कि सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया तो मैं खाली हाथ घर से नहीं निकलता.
इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय बयान पर सज्जन सिंह वर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि अपने पिता द्वारा मजदूरों के नाम भ्रष्टाचार का पैसा किसानों को दे कल सरकार ने 21 लाख किसानों का अपने बाप को कहना कि हमारे घर आकर लिस्ट ले जाए। हाल ही में आकाश विजयवर्गीय ने बयान दिया था कि सरकार किसानो का कर्ज माफ नही किया तो मैं खाली हाथ घर से नही निकलता।
Body: इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा दिए गए बयान पर सर पलटवार करते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि आकाश अपने पिता द्वारा मजदूरों के नाम पर किए भ्रष्टाचार को देखते हुए अपने गिरेबां में झांको ओर जिन मिल मजदूरों के नाम राजनीति करते हो। उन्हें तो पैसे दे दो। रही बात खाली हाथ की तो कांग्रेस मां अहिल्या की नगरी में कोई अपनी औकात भूलकर कोई गीदड़ शेर की खाल पहन लें तो शेर नही बन जाता।
जाए तो सब समान है।हम भी खाली हाथ नही है। कमलनाथ सरकार ने 31 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है ओर साढे बारह लाख किसानों कि लिस्ट तैयार है। अपने पिता से कहना घर आकर ले जाए। कर्ज माफ करने के लिए सरकार कटीबद्ध है। इनकी धमकियों से कोई फर्क नही पड़ता इनकी औकात जनता जान चुकी है।
वही खरगोन सांसद के कमल सरकार को कलनकनाथ की सरकार कहने पर कहा कि अपने शिवराज से पूछो जो जगत मामा बनता था वो कंस मामा था या शकुनि मामा था।
बाइट सज्जनसिंह वर्मा मंत्री मध्यप्रदेश
Conclusion: