जबलपुर। आज सावन के सोमवार के मौके पर कचनार महादेव मंदिर के प्रांगण में एक अनोखा आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों लोगों ने मिट्टी के शिवलिंग बनाए और इन शिवलिंगों का एक साथ रुद्राभिषेक किया गया. इस आयोजन में लोगों ने बढ़कर हिस्सा लिया. लोगों ने तरह-तरह की आकृति के शंकर बनाएं. इस मौके पर रुद्राभिषेक करवाने वाले संत पंडित तरुण चौबे का कहना है कि "सावन का यह महीना कई महीनों में विशिष्ट होता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस चौमासी में लोगों को उपवास और पूजन करना चाहिए. कई लोग इस चौमासा में लगातार उपवास करते हैं, लेकिन सामान्य ग्रस्त आदमी को कुछ उपवास जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह बीमारियों का मौसम होता है, लेकिन हिंदू धर्म में यही पूजा पाठ का मौसम भी होता है और इसमें यदि पार्थिव शिवलिंग माध्यम से पूजा अर्चना की जाए, तो लोगों को बीमारी नहीं होती.
पॉजिटिव एनर्जी का संचारः वहीं, शिव भक्त पंकज दुबे का कहना है कि, ''यह केवल पौराणिक महत्व या धार्मिक महत्व से महत्वपूर्ण माह नहीं होता, बल्कि इस समय का वैज्ञानिक महत्व है. यह दो ऋतुओं का ट्रांजिशन पीरियड होता है, जिसमें गर्मी से मौसम ठंडी की तरफ बढ़ता है. इसलिए शरीर में समस्याएं होती हैं और इन समस्याओं से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाने के लिए लोगों को मन को मजबूत बनाना जरूरी होता है और मन की मजबूती के लिए धर्म एक सही रास्ता है. इसलिए इन धार्मिक आयोजनों में लोगों को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है और इससे शरीर की ताकत बढ़ती है और लोग बीमार नहीं होते.
धर्म का महत्व बड़ाःहिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठान लोगों के लिए ऊर्जा से भर देते हैं. इसलिए सामान्य आदमी दूसरे किसी कार्यक्रम में जाए या ना जाए, लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है. इसके हिंदुओं का भाग्यवादी होना एक महत्वपूर्ण कारण है और भाग्य के निर्माण में कहीं ना कहीं ईश्वर की सहमति जरूरी है. इसलिए लोग धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए अपनी किस्मत को सुधारने की कोशिश करते हैं.