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ग्वालियर चंबल अंचल में 5 सिंह नहीं रहे किंग, अब कैसे होगी कांग्रेस की नैया पार

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 4, 2023, 7:36 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 7:47 PM IST

Congress Big Leaders Lost In MP: एमपी के विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे. बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिली तो कांग्रेस को करारी हार का मुंह देखने मिला. इस चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल के पांच सिंह भी धराशायी हो गए. पढ़िए कौन वो पांच सिंह हैं, जिसे जनता ने नकारा.

Congress Big Leaders Lost In MP
ग्वालियर चंबल अंचल में हारे पांच सिंह

ग्वालियर। मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले दो दशकों से ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस पार्टी के लिए किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता अगली विधानसभा में दिखाई नहीं देंगे, क्योंकि अंचल के पांच बड़े कांग्रेसी 'सिंह' अब कांग्रेस के किंग नहीं रहे. इस बार बीजेपी की लहर में उनका पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया है. अंचल में कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं को हारने के बाद अब यहां कांग्रेस की नैया कौन संभालेगा?

डॉ गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष

चंबल-अंचल में बराबर हुआ इंसाफ: मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है. वहीं इस चुनाव में राजनीति का केंद्र बिंदु रहा ग्वालियर चंबल-अंचल बीजेपी और कांग्रेस के लिए समान रहा है, क्योंकि अंचल की 34 सीटो में से 18 सीट बीजेपी है तो वहीं 16 सीट कांग्रेस जीती है. मतलब दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर रही है, लेकिन इस बार अंचल की जनता ने दिग्गज नेताओं को धूल चटा दी है. जिसमें कांग्रेस पार्टी के कई ऐसे बड़े दिग्गज नेता हैं. जो पिछले कई दशकों से जीतते आ रहे थे और अंचल में कांग्रेस पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों थी.

कांग्रेस के इन सभी दिग्गजों के हारने के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल में पार्टी का नेतृत्व करने वाला और कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होने वाला कोई भी बड़ा नेता नहीं है. यही कारण है कि अब सवाल उठ रही है कि कांग्रेस की नैया अब किसके सहारे आगे बढ़ेगी.

लाखन सिंह यादव कांग्रेस नेता

कांग्रेस के दिग्गजों को मिली हार: ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस के पांच बड़े दिग्गज नेताओं को करारी हार मिली है. अभेद किले के रूप में पहचाने जाने वाली लहार विधानसभा से नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा है. वह पिछले सात बार से यहां जीतते आ रहे थे, लेकिन अबकी बार उन्हें करारी हार मिली है. इसके बाद कांग्रेस के अभेद किले के रूप में पहचाने जाने वाली दसारी विधानसभा भितरवार से कई सालों से लाखन सिंह यादव विधायक चुनते आ रहे थे, लेकिन अबकी बार सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौर में उन्हें हरा दिया है.

इसके अलावा इस चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता कहे जाने वाले केपी सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा. वहीं घनश्याम सिंह के अलावा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को भी करारी हाल मिली है. यह सभी पांचों सिंह अब कांग्रेस के किंग नहीं रहे हैं. यह सभी पांचों दिग्गज नेता ग्वालियर चंबल अंचल की कांग्रेस की एक दूरी माने जाते हैं और सिंधिया के जाने के बाद पार्टी ने अंचल की जिम्मेदारी इन्हीं को सौंप दी थी.

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दिग्गजों की जमानत जब्त: ग्वालियर चंबल अंचल में इन दिग्गजों के हारने के बाद अब कांग्रेस पूरी तरह हताश और निराशा है, क्योंकि नेता प्रतिपक्ष में डॉक्टर गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री लखन सिंह और पूर्व मंत्री केपी सिंह अंचल के बहुत बड़े नेता हैं और अंचल में उनके समर्थकों की एक बड़ी फौज है. यही कारण है कि अबकी बार कांग्रेस पार्टी ने उन्हीं के भरोसे चुनाव लडा था, लेकिन वह अबकी बार खुद की ही जमानत जब्त कर चुके हैं. खासकर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह जिनका इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर चंबल अंचल में यात्रा की कमान सौंप थी और उन्होंने अंचल के सभी जिलों में कांग्रेस की यात्रा को निकाला था, लेकिन इसके बावजूद इस चुनाव में बीजेपी की लहर के सामने नहीं बच पाए और उन्हें खुद हार का सामना करना पड़ा है.

Last Updated : Dec 4, 2023, 7:47 PM IST

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