गुना।CID ग्वालियर ने हाईकोर्ट के समक्ष शपथ पत्र देते हुए बताया कि आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ इनाम घोषित करने के लिए पुलिस मुख्यालय भोपाल को पत्र लिखा गया है. आरोपी और उसके साथियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के लिए भी पत्र लिखा गया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने CID को निर्देश देते हुए आत्माराम पारधी केस को जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है. CID ने फरार आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह उर्फ दाऊ पर इनाम घोषित करने के लिए पुलिस मुख्यालय को लेटर लिखा है.
स्टेटस रिपोर्ट पर कोर्ट में बहस :हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीआईडी की स्टेटस रिपोर्ट पर कोर्ट में बहस हुई. सीआईडी द्वारा आगर मालवा जिले के एसपी से आरोपी दरोगा की चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी जुटाने को कहा है. CID सूत्रों के अनुसार आरोपी के रूठियाई के फार्म हाउस और सोनी कॉलोनी गुना के घर पर तलाश की गई लेकिन वह नहीं मिला. आरोपी रामवीर के दतिया की ओर जाने की सूचना पर वहां और झांसी की ओर तलाश की गई, लेकिन नहीं मिले. इसी तरह पूर्व में गिरफ्तार आरोपी दिनेश गुर्जर उर्फ दीनू उर्फ बनिया को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है और शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर बंदूक जप्त करने के लिए एसपी शिवपुरी को पत्र भेजा गया है. आरोपी योगेंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा चुका है. सीआईडी के वकील ने कोर्ट से 20 दिन की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
MP Guna आत्माराम पारधी मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश 5 साल के दौरान 15 विवेचक बदले :स्टेटस रिपोर्ट से पता चलता है कि 5 साल के दौरान केस के 15 विवेचक बदले गए. 3 मार्च 2017 को झागर पुलिस चौकी के इंचार्ज एएसआई शाकिर अली ने आत्माराम की गुमशुदगी की जांच शुरू की. इसके बाद एसआई बलवीर मावई, डीएसपी अनुराग पांडे, एजेके डीएसपी रवि भदौरिया, बीपी तिवारी, विवेक शर्मा जांच अधिकारी रहे. एक आरोपी दिनेश गुर्जर दीनू उर्फ बनिया की गिरफ्तारी के अगले ही दिन केस की डायरी तत्कालीन आईजी ग्वालियर राजा बाबू सिंह ने मंगा कर विवेचना डीएसपी देवेंद्र कुशवाह को सौंप दी. फिर डीएसपी महावीर मुजाल्दे, डीएसपी अवनीश बंसल, डीएसपी अरविंद ठाकुर, एएसपी मंजीत चावला, डीएसपी वीरेंद्र तोमर को केस की विवेचना मिली.
MP Guna आत्माराम पारधी मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश MP Guna आत्माराम केस में फरार आरोपी सब इंस्पेक्टर का शस्त्र लाइसेंस होगा निरस्त
कोर्ट ने मांगी स्टेट्स रिपोर्ट :इस दरम्यान सीडी गायब हो गई और आत्माराम को लापता घोषित कर दिया गया. इसके बाद डीएसपी भारत भूषण शर्मा फिर डीएसपी चंचल नागर को इन्वेस्टिगेशन का जिम्मा सौंपा गया. हाई कोर्ट ने 19 दिसंबर को केस की स्टेटस रिपोर्ट मंगाई, तब 4 दिसंबर को 15वें विवेचक के तौर पर डीएसपी सतीश चतुर्वेदी के नेतृत्व में एसआईटी को विवेचना का जिम्मा सौंपा गया. सब इंस्पेक्टर द्वारा सत्ता के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी, जो चर्चाओं में है.