मध्य प्रदेश

madhya pradesh

MP News: राज्य मानव अधिकार आयोग हुआ सख्त, गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन से एक महीने में मांगी जांच रिपोर्ट

By

Published : Aug 3, 2023, 4:18 PM IST

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है. आयोग ने गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में कॉलेज के डीन से एक महीने में जांच रिपोर्ट मांगी है.

mphrc
मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग

भोपाल।मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग प्रदेश में घटित घटनाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से समय सीमा के भीतर जवाब तलब किया है. राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में कॉलेज के डीन से एक महीने के अंदर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है. इसके अलावा राजधानी में अशुद्ध पेयजल की समस्या को लेकर नगर निगम कमिश्नर से भी जवाब तलब किया गया है. इसके साथ ही मंदसौर कलेक्टर व एसपी से भी बच्चों के डूबने के मामले में जवाब मांगा गया है. मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित विभाग से जवाब मांगा है.

सुसाइड को लेकर जीएमसी में जूनियर डाक्टर्स हो रहे लामबंद: भोपाल शहर के गांधी मेडिकल काॅलेज में जूनियर डाक्टर्स की आत्महत्या के दूसरे मामले में काॅलेज प्रबंधन को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है. जीएमसी की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या के पीछे कंसलटेंट और सीनियर्स के व्यवहार, वर्कलोड और मानसिक तनाव को जिम्मेदार माना जा रहा है. इस मामले को लेकर मेडिकल छात्र लामबंद हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर सरस्वती पीजी फर्स्ट ईयर में बीमार हो गई थीं, जिससे वह कोर्स में अन्य साथियों से करीब छह महीने पीछे चल रही थीं."

छात्रों ने बताया कि "उनके कंसलटेंट डॉक्टर सरस्वती को थर्ड ईयर की परीक्षा और प्रैक्टिकल में शामिल नहीं होने दिया. यह भी जानकारी में आया है कि सीनियर्स ने थीसिस पर साइन करने के लिये अबाॅर्शन कराने का दबाव बनाया था. इन सबसे डॉक्टर सरस्वती मानसिक रूप से बेहद परेशान चल रहीं थीं. इसीलिए उन्होंने ऐसा प्राणघातक कदम उठाया. मामले में संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने डीन गांधी मेडिकल काॅलेज भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर एक महीने में जवाब मांगा है.

Also Read:

Bhopal Doctor Attempt Suicide : गांधी मेडिकल कॉलेज में एक और डॉक्टर ने किया आत्महत्या का प्रयास, अस्पताल में इलाज जारी

Bhopal Doctor Suicide: कथित ट्रेनी IAS की गर्भवती डॉक्टर पत्नी ने किया सुसाइड ! GMC की स्टूडेंट थी, मौत को लेकर उठ रहे सवाल

Bala Saraswati Suicide Case: सरस्वती के समर्थन में उतरे जूनियर डॉक्टर्स, हटाई गई HOD, अब नई एचओडी पर भी बवाल

गंदे पानी की आपूर्ति करोंद निवासियों के लिये बनी बीमारियों की वजह:भोपाल शहर के जोन क्रमांक-17 के अंतर्गत उपनगर करोंद क्षेत्र में आने वाले पांच वार्डों के निवासी इन दिनों नगर निगम द्वारा प्रदाय किये जा रहे गंदे पानी की आपूर्ति से बेहद परेशान हैं, क्योंकि गंदे और बदबूदार पानी का निरन्तर उपयोग करने से वे बीमार हो रहे हैं. रहवासियों ने वार्ड के पार्षद से लेकर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से भी इस बात की शिकायत की. लेकिन समस्या दो सहायक यंत्रियों (एई) के क्षेत्राधिकार की लड़ाई के कारण अब भी जस की तस बनी हुई है. मामले में संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर प्रथमतः वार्ड क्रमांक 16 व 17 के सहायक यंत्रियों को उनके कार्य क्षेत्राधिकार के संबंध में स्थिति स्पष्ट करायें. इसके बाद गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या के समाधान के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में 15 दिन में जवाब मांगा है.

मंदसौर जिले में गढ्ढे में डूबने से दो बच्चों की मौत:मंदसौर जिले के बुआखेड़ी गांव में स्टेडियम निर्माण के लिये खोदे गये दस फीट गहरे गढ्ढे में भरे पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई. गढ्ढे के पास से गुजर रहे कुछ ग्रामीणों ने बच्चों के कपड़ों से उनकी पहचान की. मृत बच्चों के परिजनों ने स्टेडियम निर्माण करने वाली एजेंसी पर लापरवाही का आरोप लगाकर कहा है कि इतना गहरा गढ्ढा खोदकर निर्माण एजेंसी ने उसे खुला ही छोड़ दिया. ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिये. माामले में संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी, मंदसौर से प्रकरण की जांच कराकर उपेक्षा के लिये दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई और मृत बालकों के वैध वारिसों को शासन के नियम योजनानुसार देय मुआवजा राशि प्रदाय के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में एक महीने में जवाब मांगा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details