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MP Election 2023: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले क्षेत्र में जनता से वोटिंग क्यों करवा रहे ये BJP MLA, आखिर मंशा क्या है ?

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Published : Aug 22, 2023, 1:46 PM IST

देश के चुनावी इतिहास में संभवतः ये पहला मौका होगा, जब विधानसभा चुनाव लड़ने के पहले अपनी उम्मीदवारी को लेकर विधायक जनता से वोटिंग करवा रहे हैं. वोटिंग के जरिए सवाल पूछ रहे हैं कि क्या मैं चुनाव मैदान में उतरू या नहीं. ये हैं बीजेपी विधायक संजय पाठक. जो कटनी जिले की विजयराघव गढ़ सीट से चुने जाते हैं. संजय पाठक पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं और बड़े उद्योगपति हैं.

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बीजेपी विधायक संजय पाठक जनता से करवा रहे वोटिंग

भोपाल।मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी द्वारा जारी की गई 39 उम्मीदवारों की सूची में कटनी जिले की विजयराघव गढ़ सीट का नाम नहीं है लेकिन सीट पर उम्मीदवार घोषित होने के पहले बीजेपी विधायक संजय पाठक द्वारा क्षेत्र में अपने स्तर पर मतदान कराया जा रहा है. भाजपा विधायक ने कहा है कि यदि उन्हें 50% से एक भी वोट कम मिला तो वह चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे. वोटिंग के लिए आम चुनावों की तर्ज पर मत पेटियों को सील लगाकर बंद कर किया गया और लिस्ट के हिसाब से मत पत्र लेकर वोटिंग टीम को रवाना किया गया.

जोन सेक्टर प्रभारी बाहर के :वोटिंग की जिम्मेदारी विधानसभा सीट के बाहर की जोन सेक्टर प्रभारी और स्थानीय कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. वोटिंग के तहत पूछा जा रहा है कि क्या आप संजय पाठक को फिर विधायक के रूप में देखना चाहते हैं. प्रश्न के दो विकल्प दिए गए हैं, हां और ना. मतदाता अपनी पसंद पर निशान लगाकर अपने मतपत्र को मतपेटी में डालेगा. इसके बाद 25 अगस्त को वोटों की गिनती शुरू होगी. बीजेपी विधायक संजय पाठक का कहना है कि वोटिंग के नतीजे तय करेंगे "मैं आगामी विधानसभा चुनाव मैदान में उतरूंगा या नहीं." संजय पाठक का कहना है "मैंने पिछले 20 सालों से जनता की सेवा की है, जो जनता तय करेगी, मैं वही करूंगा"

कांग्रेस ने नौटंकी बताया :इधर, बीजेपी विधायक द्वारा कराई जा रही उम्मीदवारी के लिए वोटिंग को कांग्रेस ने नौटंकी बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता विनेश बुंदेला कहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत और सरकार बनना सुनिश्चित है. कटनी जिले की सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार ही जीत कर आएंगे. बीजेपी के कई विधायकों की हालत खराब है और इसीलिए टिकट का दबाव बनाने के लिए इस तरह की नौटंकी की जा रही है लेकिन इसका क्षेत्र के मतदाताओं पर कुछ फर्क पड़ने वाला नहीं. इस तरह से यह टिकट तो ले सकते हैं लेकिन चुनाव नहीं जीत सकते.

पिछली सरकार में मंत्री थे संजय पाठक :बता दें कि विजय राघवगढ़ विधानसभा सीट से 2008 और 2013 के चुनाव में संजय पाठक ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विजय हासिल की थी, लेकिन 2014 में हुए चुनाव में वे भाजपा में शामिल हुए और इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीता था. पिछली शिवराज सरकार में भी राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. संजय पाठक ने पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र के रामराजा पहाड़ में हरिहर तीर्थ के नाम से भगवान परशुराम की 108 फीट की प्रतिमा स्थापित करने के साथ 12 ज्योतिर्लिंग भगवान श्री कृष्ण श्री राम मंदिर की स्थापना को लेकर एक बड़ा आयोजन किया था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए थे.

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क्षेत्र के बड़े भाजपा नेता छोड़ चुके साथ :विजयराघवगढ़ विधानसभा से पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने बीजेपी पर अपनी मूल विचारधारा से भटकने की आरोप लगाए थे. वह 1980 से बीजेपी से जुड़कर कम कर रहे थे. 2003 में उन्होंने विजयराघव गढ़ सीट से चुनाव जीता था. तब उन्होंने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र पाठक को हराकर जीत दर्ज की थी. इस प्रकार इस बार संजय पाठक के लिए राह पहले की तरह आसान नहीं दिख रही.

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