भोपाल(एएनआई)।मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रविवार को एक और चीते की मौत हो गई. जिसके बाद प्रसिद्ध वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने यहां के प्रबंधन टीम पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि यहां दो चीतों की मौत राज्य वन विभाग की वन्यजीव प्रबंधन टीम की विफलता रही. बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में करीब 1 महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है. इससे पहले नामीबिया से लाए गए साशा नाम के चीते की 27 मार्च को मौत हो गई थी.
वन विभाग की विफलता: प्रसिद्ध वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने सोमवार को कहा कि "चीतों की मौत दु:खद है. उम्मीद और प्रत्याशा थी कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते यहां पनपेंगे और उनकी गिनती बढ़ेगी. चीतों के आगमन से पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी भारी बढ़ावा मिलेगा. हालांकि वन विभाग की वन्य जीव प्रबंधन टीम की नाकामी के कारण चीते मर रहे हैं. कहा जाता है कि पहले चीते की मौत किडनी की समस्या के कारण हुई थी, मौत के कारणों का पता लगाने वाली कोई रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. वहीं दूसरे चीते को कोई स्पष्ट स्वास्थ्य समस्या नहीं थी."
चीता एक संवेदनशील जानवर:अजय दुबे ने कहा कि "चीतों की एक फिटनेस रिपोर्ट हर दिन जमा की जाती है और सीसीटीवी फुटेज की 24 घंटे निगरानी की जाती है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञ यहां हैं और हमारे वन्यजीव विशेषज्ञ ने भी दक्षिण अफ्रीका से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. हालांकि, कूनो अभी भी चीतों की मौतों पर लगाम लगाने में सक्षम नहीं है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार को जांच शुरू करनी चाहिए और अगर कोई चूक हो तो उसकी पहचान करनी चाहिए." प्रसिद्ध वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का मानना है कि चीता एक बहुत ही संवेदनशील जानवर है और कहीं न कहीं वे तनाव महसूस कर रहे हैं. शायद, यह मानवीय हस्तक्षेप से जुड़ा है. उन्हें पता चला है कि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी लगातार दौरा अपने परिवारों के साथ कर रहे हैं और चीतों को देख रहे थे. चीता और आगंतुक के बीच न्यूनतम दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है.