भोपाल।राजधानी की जिला अदालत में पिता-बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले रिश्ते पर निर्णय सुनते हुए अपर सत्र न्यायाधीश वंदना जैन की कोर्ट ने आठ साल की मासूम बेटी के साथ गलत काम करने वाले आरोपी पिता को अंतिम सांस तक कैद की सजा सुनाई है. राजधानी की जिला अदालत मे वंदना जैन अपर सत्र न्यायाधीश कि कोर्ट ने आठ साल की मासूम बेटी के साथ गलत काम करने वाले आरोपी पिता को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुये आजीवन सश्रम कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड और सात साल का सश्रम कारावास और एक हजार रूपये के अर्थदंड एवं धारा 363 में तीन साल के सश्रम कारावास, पांच सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है. आरोपी को दी गई आजीवन कारावास की सजा सुनाई जो अंतिम सांस तक जेल में रहेगा. शासन की ओर से अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक सीमा अहिरवार ने किया.
पीड़िता की मां ने कराई थी एफआईआर
कोर्ट में प्रस्तुत की गई जानकारी के मुताबिक 29 नवंबर 2018 को पीड़िता की मां ने गौतम नगर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने वर्ष 2013 में अपने पति से तलाक ले लिया था, जिससे उसकी एक पुत्री थी, जो पीड़िता ही है. दूसरी शादी करने के बाद फरियादिया अपने दूसरे पति के साथ अपनी बेटी सहित अपनी दादी के पास रहती थी. उसी मोहल्ले में आरोपी भी रहता था. वह जिस मकान में रहती है वह दो कमरों का था जिसके एक कमरे में वह तथा उसका पति सोता था, तथा दूसरे कमरे में पीड़िता अपनी दादी के साथ सोती थी.
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