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बालाघाट नक्सली मूवमेंट पर सियासत ! नरोत्तम ने कमलनाथ को ठहराया जिम्मेदार तो कांग्रेस ने गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा

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Published : Dec 14, 2020, 3:24 PM IST

मध्य प्रदेश में नक्सलियों की आहट अब तेज होती दिखाई दे रही है. बस्तर के नक्सली अब अपना ठिकाना मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में खोज रहे हैं, जानकारी के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क के आसपास के जंगलों में लगातार नक्सली मूवमेंट देखा जा रहा है. वहीं नक्सली मूवमेंट को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए गृह मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है.

Naxalite movement
नक्सली मूवमेंट

भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सली सक्रिय हो गए हैं, बालाघाट के जंगलों में लगातार नक्सलियों का मूवमेंट देखा जा रहा है. हाल ही में बालाघाट में नक्सली मुठभेड़ का मामला सामने आया था. वहीं प्रदेश में नक्सलियों के सक्रिय होने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया है. गृह मंत्री के आरोप पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि गृह मंत्री अपनी असफलता का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रहे हैं. जबकि गृह मंत्री को तुरंत इस्तीफ देना चाहिए.

अपनी असफलता का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रहे गृहमंत्री

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जब से नरोत्तम मिश्रा गृह मंत्री बने हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर है. लगातार कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती दी जा रही है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. भाजपा के नगर अध्यक्ष के घर पर अपराधी खुलेआम अपराध घटित करते हैं. घर में तोड़फोड़ करते हैं, खुलेआम गोलियां चल रही हैं.

कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

गृह मंत्री को देना चाहिए इस्तीफा

नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पहले प्रदेश की स्थिति देखिए, गृहमंत्री कहां है? वे तो बंगाल के चुनाव के प्रभारी हैं. यह नक्सली जो पकड़े गए हैं,मुठभेड़ में मारे गए हैं. यह गृहमंत्री की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की असफलता है. ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस पर झूठा आरोप लगा रहे हैं. 15 साल की सरकार में नक्सली बढ़े और नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं. वर्तमान में जबसे शिवराज सरकार प्रदेश में आई है. इन वारदातों के दोषी गृह मंत्री हैं. उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और इस तरह के आरोप लगाने पर शर्म आनी चाहिए.

नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को ठहराया था जिम्मेदार

मंत्री ने कहा है कि बालाघाट में नक्सली मूवमेंट पर कहा कि बीजेपी सरकार ने एंटी नक्सल मुहिम 15 साल चलाई. इस दौरान एक भी नक्सली मध्यप्रदेश में घुस नहीं पाया, लेकिन कमलनाथ सरकार ने ढील दी और बालाघाट में फिर से नक्सली सक्रिय हो गए हैं. मंत्री ने कहा इससे पहले जब दिग्विजय सिंह की सरकार थी, बालाघाट में लिखी राम कांवरे की नक्सलियों ने घर में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद जब शिवराज सरकार आई तो, हमने नक्सलियों पर लगाम लगाई. लेकिन बीच में जब कमलनाथ की सरकार आई तो उन्होंने उसमें ढील दे दी और नक्सली फिर सक्रिय हो गए. किन पुलिस अपना काम कर रही है मध्यप्रदेश में किसी भी नक्सली डकैत गैंग को पनपने नहीं दिया जाएगा. योजनाओं की भी अब खैर नहीं है

नक्सली मूवमेंट पर नरोत्तम का बयान

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मध्यप्रदेश में नक्सलियों की आहट

नक्सली मूवमेंट को लेकर ईटीवी भारत ने अपनी एक रिपोर्ट में दिखाया था, किस तरह और कहां-कहां नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ा है. मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ का विभाजन होने के बाद अपना एक हिस्सा और नक्सली समस्या छत्तीसगढ़ को दे चुके मध्य प्रदेश में नक्सलियों की आहट अब तेज होती दिखाई दे रही है. बालाघाट सहित प्रदेश के कुछ जिलों को सुरक्षित मानते हुए यहां बढ़ रही नक्सली घुसपैठ पुलिस-प्रशासन की चिंता बढ़ा रही है. हाल ही में जिले में लगातार नक्सलियों से पुलिस की मुठभेड़ हो रही है. मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिले बालाघाट में नक्सली उपस्थिति की गंभीरता को बढ़ा दिया है. यह चिंता इसलिए भी वाजिब है क्योंकि संयुक्त मध्य प्रदेश में नक्सली इसी जिले में एक मंत्री लिखिराम कांवरे की हत्या कर चुके हैं.

बालाघाट में तीन दलम सक्रिय

बालाघाट जिले में टाडा, मलाजखंड व परसवाड़ा दलम सक्रिय हैं. हालांकि अभी वर्तमान में टाडा व मलाजखंड दलम ही सक्रिय है .इस दलम में दो दर्जन से ज्यादा हथियार बन्द नक्सली लगातार जिले के अलग अलग इलाको में अपनी सक्रियता दिखा रहे है.बालाघाट जिले के बैहर, लांजी,व परसवाड़ा क्षेत्र अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित है.

नक्सली मूवमेंट की आहट

पुलिस सक्रिय लगातार कर रही सर्चिंग

नक्सलियों द्वारा बालाघाट जिले सहित आसपास के जिलों में कर रहे विस्तार को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने भी अपनी रणनीति बदली है. बालाघाट पुलिस छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र राज्य के पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाकर बालाघाट से सटे सीमावर्ती इलाकों में सर्चिंग कर रही है, जिससे पुलिस को लगातार नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सफलता मिल रही है.

  • 23 मई की रात मलाजखंड थाना क्षेत्र के पादरी चौकी के जंगल में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में नक्सलियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए थे, इस मुठभेड़ में 13 से 15 के बीच महिला और पुरुष हथियारबंद नक्सली थे.
  • 17 सितंबर को कान्हा से सटे समनापुर-बांधा टोला कान्हा कोर जॉन इलाके में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस ने 12 लाख के इनामी प्लाटून 2 के सक्रिय सदस्य ओसा उर्फ बादल को गिरफ्तार किया और एक पिस्टल भी बरामद की
  • 5-6 नवंबर की दरमियानी रात कान्हा से सटे मालखेड़ी के जंगल मे पुलिस नक्सली मुठभेड़ में खटिया मोचा दलम के 8 लाख इनामी नक्सली शारदा को मार गिराया. दो नाली 12 बोर बंदूक बरामद की गई
  • 11-12 नवंबर की दरमियानी रात कान्हा नेशनल पार्क से सटे बोरवन के जंगल में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई, जिसमें 2 इनामी महिला नक्सली मलाजखंड दलम की शोभा और दरे कसा दलम की सावित्री को मार गिराया. इनके पास से इंसास व 12 बोर रायफल को जब्त किया गया

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