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सीएम शिवराज सिंह की चुनाव आयोग से शिकायत, पट्टे दिए जाने की घोषणा को बताया आचार संहिता का उल्लंघन

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Published : Oct 31, 2020, 9:25 AM IST

Updated : Oct 31, 2020, 9:49 AM IST

कांग्रेस ने एक बार फिर निर्वाचन आयोग में सीएम शिवराज सिंह चौहान की शिकायत की है. कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीएम ने नेपानगर में आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

Madhya Pradesh Election Commission
मध्यप्रदेश चुनाव आयोग

भोपाल। प्रदेश में 28 विधानसभा के उपचुनाव 3 नवंबर को संपन्न होना है. जिसके लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं, लेकिन इस दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा शिकायतों का दौर लगातार जारी है. उपचुनाव के दौरान शिकायतों में कांग्रेस बीजेपी से कहीं आगे चल रही है और प्रतिदिन कई मामलों की शिकायत निर्वाचन आयोग में की जा रही है. कांग्रेस के द्वारा निर्वाचन आयोग में एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित कई अधिकारियों की शिकायत की गई है.

सीएम के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एवं चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने सीएम शिवराज के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है, शिकायती पत्र में जेपी धनोपिया ने लिखा कि नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा कास्डेकर को वोट देने की अपील करते हुए घोषणा की है कि भाजपा प्रत्याशी अगर जीते, तो इसके बदले जो भी शासकीय भूमि पर बरसों से निवास कर रहे हैं, उनमें सभी वर्गों को मालिकाना हक के पट्टे दे दिए जाएंगे, जो उनके घोषणा पत्र में शामिल ही नहीं है.

कांग्रेस ने की सीईओ तीजा पवार की शिकायत

वहीं धनोपिया ने एक शिकायत में कहा कि बदनावर भाजपा प्रत्याशी गैर विधायक मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के विधानसभा क्षेत्र में जनपद सीईओ तीजा पवार बीजेपी के पक्ष में काम कर रहे हैं. उनके विरूद्ध आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करने और उन्हें तत्काल हटाने की मांग चुनाव आयोग से की है.

इसके अलावा मुंगावली में ही पदस्थ थाना प्रभारी रोहित दुबे एवं प्रधान आरक्षक रामकृष्ण रघुवंशी सेहराई के विरूद्ध लगातार शिकायतें होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ये अधिकारी, कर्मचारी खुलकर भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं. ऐसे में तत्काल प्रभाव से उनका ट्रांसफर किया जाए.

कमलनाथ से छीना स्टार प्रचारक का दर्जा-

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर में चल रहा है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया. आयोग ने गुरुवार को यह फैसला कमलनाथ द्वारा आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते लिया.

चुनाव आयोग ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान महिला के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया था जो कि आचार संहिता के खिलाफ है. इसके साथ ही चुनाव आयोग का कहना है कि अब अगर कमलनाथ ने एक भी प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लिया, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार प्रसार आयोजित किया जा रहा है.

बीजेपी के मंत्रियों पर भी EC की कार्रवाई

चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के मंत्री मोहन यादव को राज्य में किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैलियों, रोड शो और साक्षात्कार, और मीडिया में एक दिन के लिए सार्वजनिक भाषण देने से रोक दिया है. वहीं एक अन्य मंत्री उषा ठाकुर को इंदौर में एक कार्यक्रम में दिए गए उनके बयान को लेकर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. चुनाव आयोग ने मंत्री मोहन यादव पर असहज भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर ये कार्रवाई की है. वहीं मंत्री उषा ठाकुर को उनके कथित बयान 'धर्म आधारित शिक्षा कतरता पनपाती है' के लिए नोटिस जारी हुआ है.

कैलाश विजयवर्गीय को भी चुनाव आयोग थमा चुका है नोटिस

चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को नोटिस भेजा था. आयोग ने कैलाश विजयवर्गीय को चुन्नु-मुन्नु वाले बयान पर नोटिस भेजा था. आयोग ने नोटिस जारी कर विजयवर्गीय से जवाब मांगा था. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक चुनावी सभा के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को निशाने पर लिया था. विजयवर्गीय ने इन दोनों नेताओं को चुन्नू-मुन्नु की जोड़ी बताया है, जिसके बाद इस मामले पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग सख्त हो गया था और विजयवर्गीय को नोटिस भेजा था.

Last Updated : Oct 31, 2020, 9:49 AM IST

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