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3000 बेटियां लापता, कामकाजी भांजियों का होगा पंजीयनः शिवराज

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Published : Jan 8, 2021, 6:05 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 9:17 AM IST

मध्यप्रदेश में तीन हजार से ज्यादा बच्चियां गायब हैं. बेटियों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब काम से जाने वाली बच्चियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.

Womens Self Help Group Credit Camp
महिला स्व सहायता समूह क्रेडिट कैंप

भोपाल।काम के लिए बाहर जाने वाली बच्चियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. प्रदेश से गायब तीन हजार से ज्यादा बच्चियों को लेकर मुख्यमंत्री ने गंभीर चिंता जताते हुए इसका ऐलान किया है. भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित महिला स्व सहायता समूह क्रेडिट कैंप कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिला समूह से अपील की है कि वे गांव से बाहर कामकाज के लिए जाने वाली बच्चियों का रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेदारी निभाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से गायब हुई बच्चियों को खोज कर लाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं.

सीएम शिवराज

काम से बाहर जाने वाली बेटियों का होगा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अपील की है कि गांव में महिलाएं नशा मुक्ति अभियान चलाएं. यह काम आसान नहीं है लेकिन यह पहल महिलाओं को करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि कई बेटियां गायब है. पिछले दिनों इसकी समीक्षा में पता चला की प्रदेश से तीन हजार बच्चियां गायब है. पुलिस को निर्देश दिए हैं कि इन बेटियों को खोज कर लाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के काम करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि काम धंधे के लिए बाहर जाने वाली बेटियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. कई दिनों से मेहनत मजदूरी के लिए बेटियों को लेकर जाते हैं. बाद में यह बेटियां गायब हो जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह यह जिम्मेदारी उठाएं की बेटियां यदि किसी काम से बाहर ले जाई जा रही है तो उन का रजिस्ट्रेशन हो जाए. ताकि मुसीबत आने पर सरकार उनकी मदद कर सके.


महिला स्व सहायता समूह दी सहायता राशि


मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व सहायता समूह को इस साल 1400 करोड़ रुपए की राशि बैंक लिंकेज के माध्यम से दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत 200 करोड़ रुपए की राशि सहायता समूहों को मुख्यमंत्री ने जारी की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आजीविका मार्ट का भी लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से महिला स्व सहायता समूह के प्रोडक्ट को पूरे देश और विदेश तक बेचा जाएगा. इसके लिए सरकार जरूरी ट्रेनिंग और ब्रांडिंग का काम भी करेगी. महिला स्व सहायता के जरिए प्रदेश से गरीबी मिटायेंगे. पोषण आहार का काम भी स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा. सरकार ने तय किया है कि टेक होम राशन का काम सहायता समूहों के जरिए किया जाएगा. इसके लिए सात में से पांच कारखाने बनकर तैयार हो गए हैं. इसका संचालन महिला स्व सहायता समूह करेंगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.


चिटफंड के खिलाफ भी रखें नजर

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाएं कुछ ही समय में पैसा डबल होने का झांसा देने वालों के खिलाफ भी निगरानी रखें. प्रदेशभर में सरकार द्वारा ऐसी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है.


समूह ने लिए निर्माण कार्य मनरेगा से होंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह के लिए भंडारण के लिए भवन, किचन शेड, घास के मैदानों का विकास, आजीविका का कार्यकलाप के लिए वर्क शेड, कुएं का निर्माण, नर्सरी लगाने, मवेशी पालन, बकरी आश्रय, कुक्कुट आश्रय स्थल का काम मनरेगा से किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अपील की है कि सभी समूह से जुड़ें. गांव की गरीबी दूर करने के लिए महिला स्व सहायता समूह को मजबूत किया जाएगा. समूह को काम दिलाने का जिम्मा सरकार का है. सरकार का लक्ष्य की सभी महिलाओं की वार्षिक आय कम से कम एक लाख रुपए हो.

Last Updated :Jan 9, 2021, 9:17 AM IST

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