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युवाओं को भा रहा है स्वामी विवेकानंद का साहित्य, रामकृष्ण मिशन आश्रम में साल दर साल बढ़ती जा रही है बिक्री

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 6:53 AM IST

Youth Like Swami Vivekananda Literature: स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढ़ने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. किताबों की बढ़ती ब्रिकी ने पुराने साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

continue increasing Sales
भोपाल के एमपी नगर में है रामकृष्ण मिशन आश्रम

भोपाल। पूरा देश राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है ऐसे में स्वामी विवेकानंद के साहित्य को पढ़ने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. 2023 में स्वामी विवेकानंद के साहित्य की दो लाख से ज्यादा प्रतियां बिकीं. 2022 के मुकाबले यह 1 लाख ज्यादा हैं. रामकृष्ण मिशन आश्रम के विवेकानंद साहित्य पुस्तक केंद्र से यह ब्रिकी हुई है.

रामकृष्ण मिशन आश्रम का विवेकानंद साहित्य केन्द्र

एमपी नगर में रामकृष्ण मिशन आश्रम

भोपाल के एमपी नगर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के विवेकानंद साहित्य पुस्तक केंद्र में इस साल 85,000 से ज्यादा किताबें बिकी हैं. शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती है. ऐसे में देखा जा रहा है कि युवा भी स्वामी विवेकानंद की बातों को अपने में धारण कर रहे हैं. स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानने में युवाओं की दिलचस्पी बढ़ी है. स्वामी जी ने कहा है कि अपने में श्रद्धा होने चाहिए दूसरों के प्रति श्रद्धा होने चाहिए और देश के प्रति भी श्रद्धा होनी चाहिए. ऐसा ही युवाओं में आजकल देखने को मिल रहा है.

साहित्य पढ़ने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है

किस साल कितनी बिकी किताबें

स्वामी विवेकानंद की किताबों की ब्रिकी लगातार बढ़ रही है. बीते पांच साल की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि 2019 में 50,874
तो 2020 में 44,163 किताबें बिकीं. वहीं 2021 में आंकड़ा बढ़कर 90,783 तक पहुंच गया. साल 2022 में भी लगातार बिक्री हुई और 1,08,653 किताबें बिकी वहीं 2023 की बात करें तो किताबों की बिक्री दोगुनी हो गई और 2,26,876 किताबें बिकीं.

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स्वामी नित्य पूर्णानंद ने की अपील

रामकृष्ण मिशन आश्रम के भोपाल में संचालक स्वामी नित्य पूर्णानंद ने लोगों से आह्वान किया कि यदि आप किताब खरीद रहे हैं तो बहुत अच्छा है लेकिन किसी का जन्मदिन हो तो उसके लिए विवेकानंद के साहित्य की एक प्रति जरूर गिफ्ट करें. इससे उसकी जीवन के प्रति सोच बदलेगी. उन्होनें बताया कि युवा स्वामी विवेकानंद के वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को बहुत पसंद कर रहे हैं. साथ ही वे व्याख्यान पर आधारित स्वामीजी की किताबें भी खरीद रहे हैं. स्कूल और विश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा पुस्तक खरीदी जाती हैं.खास बात यह है कि युवा से लेकर बुजुर्ग तक स्वामी विवेकानंद का साहित्य पढ़ना चाहते हैं.

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